कर्नाटक हाईकोर्ट ने 2017 में सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में एक आरोपी मोहन नायक एन को जमानत दे दी है। नायक इस मामले में जमानत पाने वाले पहले आरोपी हैं।
यह आदेश न्यायमूर्ति एस विश्वजीत शेट्टी की एकल पीठ द्वारा पारित किया गया। नायक को समान राशि की दो जमानतदारों के साथ 1 लाख रुपये का निजी बांड भरने और सुनवाई की सभी तारीखों पर ट्रायल कोर्ट के सामने उपस्थित होने के लिए कहा गया है।
हत्याकांड में 11वें आरोपी नायक पर आरोप था कि उन्होंने अन्य लोगों के साथ मिलकर साजिश रची और रामनगर में एक सुनसान जगह पर किराए का मकान लिया। उन्होंने मकान में दूसरे और तीसरे नंबर के आरोपी को आश्रय दिया। आरोपी नंबर दो और तीन ही मामले में वास्तविक हमलावर हैं।
इस मामले में नायक जमानत पाने वाले पहले आरोपी हैं। न्यायमूर्ति एस. विश्वजीत शेट्टी की एकल पीठ ने उनकी जमानत याचिका को मंजूर कर लिया। नायक 18 जुलाई, 2018 से हिरासत में हैं।
देरी पर विचार करते हुए अदालत ने कहा, याचिकाकर्ता पिछले पांच वर्षों से अधिक समय से हिरासत में है हालांकि सीओसीए की धारा 22(4) उन आरोपियों को जमानत पर रिहा करने के लिए कुछ कठोरता का प्रावधान करती है, जिनके खिलाफ दंडनीय अपराधों के लिए आरोप लगाए गए हैं।
सीओसीए के तहत, जब मुकदमे में अनुचित देरी होती है और रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री से पता चलता है कि मुकदमा जल्द पूरा नहीं हो सकता है तो यह आरोपी को जमानत देने की अदालत की शक्तियों को बाधित नहीं कर सकता।