मप्र के शहरों में बहेगी विकास की गंगा

भोपाल । मप्र के नगरीय प्रशासन एवं विकास संचालनालय की राज्य स्तरीय तकनीकी समिति की 49वीं बैठक में निर्णय लिया गया कि अमृत 2.0 योजना में 558 करोड़ 17 लाख रूपये के डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) का अनुशंसा के बाद तकनीकी अनुमोदन कर दिया है। यह अनुमोदन नगरीय आयुक्त प्रशासन एवं विकास भरत यादव ने तकनीकी समिति की अनुशंसा के बाद दिया है। इससे प्रदेश में विकास की गंगा बहेगी।
बैठक में तकनीकी समिति की अनुशंसा के बाद अनुमोदन दिया गया। स्वीकृत योजना में सीवरेज, जलप्रदाय, वाटर बॉडी, ग्रीन स्पेस निर्माण कार्यों के लिए मुख्य रूप से मंजूरी दी गई। समिति ने सांवेर शहर की सीवरेज परियोजना की दर स्वीकृति पर भी विचार किया। प्रदेश में 418 नगरीय निकायों में अमृत 2.0 के तहत 11,778 करोड़ रूपये लागत के 1146 प्रोजेक्ट्स पर कार्य किया जा रहा है। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये सीवरेज और उनके प्रबंधन का कवरेज बढ़ाने पर लगातार कार्य किया जा रहा है। शहरों में उपलब्ध जल स्वच्छ रहे इसके लिये स्वच्छ जल को सुरक्षित करने के प्रबंधन पर भी ध्यान दिया जा रहा है। इस बात पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है कि जल स्त्रोतों में गंदा पानी न मिले। नदियों और तालाबों के पानी में गंदे नालों का पानी न मिले, इसके लिये शहरी क्षेत्रों में सीवरेज की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश में अमृत 2.0 में जल प्रदाय की 417 परियोजनाओं में से 210 परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है। इन परियोजनाओं में से 199 का कार्य प्रगति पर है।

नदी-तालाब होंगे स्वच्छ, पार्क किए जाएंगे विकसित
अमृत- 2.0 के तहत नदियों और तालाबों को स्वच्छ किया जाएगा। वहीं पर्यावरण की दृष्टि से पार्क विकसित किए जाएंगे। स्वीकृत योजना में सीवरेज, जलप्रदाय, वाटर बाडी, ग्रीन स्पेस निर्माण कार्यों के लिए मुख्य रूप से स्वीकृति दी गई। समिति ने सांवेर शहर की सीक्रेज परियोजना की दर स्वीकृति पर भी विचार किया। चयनित शहरों में स्वच्छ पर्यावरण के लिये 390 पार्क विकसित किए जा रहे हैं। इनमें से 54 पार्क, जिनकी कुल लागत 12 करोड़ 81 लाख रूपये है, उनका निर्माण पूरा किया जा चुका है। प्रदेश में सीवरेज की स्वीकृत 36 परियोजनाओं में से एक परियोजना पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। साथ ही 16 करोड़ रुपये लागत की 25 वॉटर बॉडी परियोजनाओं का कार्य पूरा किया जा चुका है। प्रदेश मे 272 वॉटर बॉडी प्रोजेक्ट का कार्य प्रगति पर है। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सीवरेज और उनके प्रबंधन का कवरेज बढ़ाने पर लगातार कार्य किया जा रहा है। शहरों में उपलब्ध जल स्वच्छ रहे इसके लिए जल को सुरक्षित करने के प्रबंधन पर भी ध्यान दिया जा रहा है। इस बात पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है कि जल स्रोतों में गंदा पानी न मिले। इसके लिए शहरी क्षेत्रों में सीवरेज की पर्याप्त व्यवस्था की रही है।

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