फ्लैट दिलाने के नाम पर 300 करोड़ की धोखाधड़ी

नई दिल्ली । दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने भगोड़ा घोषित यूनिवर्सल बिल्डर के निदेशक को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। आरोपित की पहचान दिल्ली के सैनिक फार्म के रहने वाले रमन पुरी के रूप में हुई है, जिसे मध्य प्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार किया गया। वह दिल्ली एनसीआर के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज धोखाधड़ी के 45 से अधिक मामलों में वांछित था। स्पेशल सेल के उपायुक्त प्रणव तायल ने बताया कि यूनिवर्सल बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड ने गुरुग्राम के सेक्टर-92 में यूनिवर्सल आरा के नाम से एक प्रोजेक्ट लॉन्च किया था और खरीदारों को वर्ष 2010 तक फ्लैट उपलब्ध कराने का वादा किया था। प्रोजेक्ट के नाम पर यूनिवर्सल बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड ने लगभग 485 खरीदारों से 300 करोड़ रुपये से अधिक की राशि एकत्र की। काफी समय बीत जाने के बाद भी कंपनी ने फ्लैट उपलब्ध नहीं कराए। जिसके बाद खरीदारों ने कंपनी के निदेशकों के खिलाफ दिल्ली एनसीआर के विभिन्न पुलिस थानों में मामले दर्ज कराए। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में भी पांच मामले दर्ज किए गए थे। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने तीन आरोपितों वरुण पुरी, विक्रम पुरी और रमन पुरी की गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का नकद इनाम भी घोषित किया था। इंस्पेक्टर मनेंद्र सिंह, नीरज कुमार और संदीप यादव की टीम को दिल्ली के फरार इनामी आरोपितों का पता लगाने और उन्हें गिरफ्तार करने का काम सौंपा गया था। टीम को दिल्ली और हरियाणा के कई मामलों में वांछित वरुण पुरी के बारे में जानकारी मिली थी। आरोपित के बारे में अधिक जानकारी जुटाने के लिए और अधिक सूत्रों को लगाया गया, जिनसे पता चला कि वरुण पुरी ने इंदौर में अपना ठिकाना बना लिया है। इंस्पेक्टर मनेंद्र सिंह, एसआइ राकेश तोमर, एएसआई प्रदीप, हेड कांस्टेबल दीपक, दिनेश, अमित और मनीष की एक टीम इंदौर के लिए रवाना हुई, जहां से आरोपित वरुण पुरी को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया। वरुण पुरी ने वर्ष 2005 में अपने भाई विक्रम पुरी और पिता रमन पुरी के साथ मिलकर यूनिवर्सल बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एक कंस्ट्रक्शन फर्म शुरू की और कंपनी में निदेशक के रूप में काम करना शुरू किया। उनकी कंपनी ने दिल्ली एनसीआर में फ्लैट और वाणिज्यिक संपत्तियों का निर्माण शुरू किया और लोगों को ठगना शुरू किया।

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