चेन्नई। तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले में जैव-चिकित्सा अपशिष्ट को अवैध रूप से फेंकने में सहयोग करने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया, जबकि केरल सरकार ने इसे हटाने की पहल की है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश के बाद 16 ट्रक भरकर बायोमेडिकल कचरा हटाया गया, जिसमें खून के नमूने और खतरनाक सामग्री शामिल है। पर्यावरण निकाय ने इस मुद्दे को खुद उठाया था और तीन दिनों के भीतर कचरे को हटाने का आदेश दिया था।
केरल के अस्पतालों से निकले कचरे को तिरुनेलवेली जिले के पांच गांवों में अवैध रूप से फेंके जाने की घटना ने पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं। बायोमेडिकल कचरे के अवैध निपटान से कई तरह के जोखिम पैदा होते हैं, जिनमें संक्रामक बीमारियों का फैलना और मिट्टी और जल स्रोतों का दूषित होना शामिल है।
तमिलनाडु में विपक्ष ने सत्तारूढ़ डीएमके की आलोचना की और आरोप लगाया कि उसने अवैध डंपिंग पर लगाम लगाने के लिए कुछ नहीं किया।
हालांकि, राज्य सरकार ने पिछली एआईएडीएमके सरकार पर डंपिंग को अनियंत्रित रूप से जारी रखने का आरोप लगाया और दावा किया कि उसने निगरानी के जरिए इस पर लगाम लगाई थी।
चूंकि खतरनाक अपशिष्ट तिरुवनंतपुरम क्षेत्रीय कैंसर केंद्र और क्रेडेंस अस्पताल से आने का संदेह है, इसलिए पर्यावरणविदों ने सवाल उठाया है कि क्या इन अस्पतालों में चिकित्सा अपशिष्टों के सुरक्षित निपटान की अनिवार्य व्यवस्था है।
रविवार को शुरू हुई निकासी आज भी जारी रहेगी तथा दोनों राज्यों के अधिकारी प्रगति पर नजर रखेंगे।