बिलासपुर
पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर को रायपुर सेंट्रल जेल से अन्य जेल ट्रांसफर करने का विशेष न्यायाधीश का फैसला हाईकोर्ट ने पलट दिया है। जेल अधीक्षक रायपुर के आवेदन पर विशेष अदालत ने दोनों को कांकेर और अंबिकापुर जेल शिफ्ट कर दिया गया था। इसके खिलाफ उन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। जस्टिस अरविंद वर्मा की सिंगल बेंच में हुई सुनवाई में अदालत से दोनों को वापस रायपुर सेंट्रल जेल ट्रांसफर करने के निर्देश दिए हैं।
2 हजार करोड़ के शराब घोटाले मामले में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर को ईडी ने गिरफ्तार किया था। तब से दोनों रायपुर सेंट्रल जेल में बंद है। उन पर रायपुर जेल में वीआईपी सुविधाएं लेने का आरोप है। इसके अलावा सिंडिकेट बनाकर जेल में शांति भंग का भी आरोप दोनों पर लगा कर रायपुर जेल अधीक्षक ने विशेष न्यायाधीश ईडी निधि शर्मा की अदालत में आवेदन दिया था। आवेदन के आधार पर दोनों को अलग-अलग कांकेर और जगदलपुर जेल शिफ्ट करने का आदेश दिया गया था। आदेश के बाद दोनों को वहां शिफ्ट कर दिया गया था।
आदेश को दोनों ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाई कोर्ट में चुनौती दी थी जिसमें उन्होंने बताया था कि उनके मामले की सुनवाई रायपुर में चल रही है इसलिए पेशी में उन्हें उपस्थित होना पड़ता है और उनके अधिवक्ता भी रायपुर जेल में उनसे वकील मुलाकात करते हैं साथ ही उनका परिवार भी रायपुर में निवास रथ है जिससे परिवार के लोगों को भी जेल में मिलने में सुविधा होती है। जेल अधीक्षक के आवेदन पर रायपुर विशेष न्यायाधीश ने बगैर उनके पक्ष सुने एकपक्षीय आदेश जारी किया गया है। सुनवाई के बाद जस्टिस अरविंद वर्मा की सिंगल बेंच ने दोनों को तत्काल रायपुर जेल शिफ्ट करने के निर्देश दिए।
आबकारी घोटाला मामले में आरोपी अनवर ढेबर को अंबिकापुर और अनिल टुटेजा को कांकेर जेल शिफ्ट किया गया था, जबकि ए.पी. त्रिपाठी को जगदलपुर जेल भेजा गया था। कस्टम मिलिंग घोटाले के आरोपी मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी को दंतेवाड़ा जेल और कोयला घोटाले के मुख्य सरगना सूर्यकांत तिवारी को जगदलपुर जेल ट्रांसफर किया गया था।