अमेरिकी धरती पर खालिस्तानी आतंकी और सिख फॉर जस्टिस के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने की तथाकथित साजिश को लेकर भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों में तल्खी बढ़ती जा रही है।
बाइडेन प्रशासन ने अपने सांसदों के माध्यम से इस प्रकरण में कथित रूप से शामिल भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है और चेतावनी दी है कि ऐसा नहीं होने से द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंच सकता है।
इस मामले ने शुक्रवार को तब एक अहम और गंभीर मोड़ ले लिया, जब पांच भारतीय-अमेरिकी सांसदों ने बयान जारी कर कहा कि अगर भारतीय अधिकारी मामले की ठीक से जांच नहीं करते हैं तो इसका दोनों देशों के रिश्तों पर असर पड़ सकता है।
ये सभी भारतवंशी सांसद सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी के हैं।
इन सांसदों ने खुलासा किया कि बाइडेन प्रशासन ने उन्हें इस बारे में जानकारी दी थी। बयान में कहा गया है कि बाइडेन प्रशासन ने उन्हें पन्नू की हत्या की साजिश के मामले में भारतीय नागरिक और अधिकारियों के दोषी होने के बारे आश्वस्त किया है। उनके इस बयान ने वाशिंगटन में अलार्म बजा दिया है।
यह बयान कैलिफोर्निया के डेमोक्रेट सांसद अमी बेरा द्वारा जारी किया गया है, जिनके संसदीय क्षेत्र सैक्रामेंटो काउंटी में बड़ी सिख आबादी है। इस बयान पर रो खन्ना, प्रमिला जयपाल (वाशिंगटन राज्य), राजा कृष्णमूर्ति (इलिनोइस) और श्री थानेदार (मिशिगन) के भी दस्तखत हैं।
संयुक्त बयान में कहा गया है कि कांग्रेस सदस्यों के रूप में हमारे लिए अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों की सुरक्षा और भलाई सबसे महत्वपूर्ण है।
अमेरिकी न्याय विभाग का कहना है कि भारत के एक सरकारी अधिकारी, जिसके नाम का खुलासा नहीं किया गया है, वह निखिल गुप्ता और अन्य सरकारी अधिकारियों के संपर्क में था।
ये लोग अमेरिका में एक राजनीतिक कार्यकर्ता, जो भारतीय मूल का है और अमेरिकी नागरिक है (गुरपतवंत सिंह पन्नू), उसकी हत्या की साजिश रच रहे थे।
अमेरिका ने दावा किया है कि पन्नू की हत्या का काम भारतीय अधिकारी ने निखिल गुप्ता को सौंपा था। इसके बाद निखिल गुप्ता ने एक हिटमैन की तलाश की, जो अमेरिकी पुलिस का खबरी था।
अमेरिकी दावे में कहा गया है कि पन्नू की हत्या के लिए किलर को एक लाख अमेरिकी डॉलर यानी 83 लाख रूपये की रकम तय की गई थी।