देहरादून। प्रदेश के वित्त मंत्री डाॅ. प्रेम चन्द अग्रवाल ने विधान सभा स्थित सभागार कक्ष में “मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना“ के क्रियान्वयन के लिए गठित मंत्री मंडलीय उप समिति की पहली बैठक की अध्यक्षता की। मंत्री ने कहा कि बैठक में “मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना“ के तहत प्रदेशभर में एकल महिलाओं की कुल संख्या एवं योजना के तहत एकल महिलाओं को मिलने वाले स्वरोजगार के निर्धारण पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि आबकारी विभाग से प्राप्त होने वाले अतिरिक्त शुल्क को खेल, गौशाला एवं महिला कल्याण के लिए दिया जाना था। मंत्री ने कहा कि आबकारी विभाग से मिलने वाली धनराशि का 10 करोड़ रूपया “मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना के लिए निर्धारित किया गया है। मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना प्रदेश के सभी जिलों में लागू की जायेगी। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि हर ब्लाॅक की एकल महिलाओं (विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता, किन्नर, अपराध एवं एसिड हमलों से पीड़ित महिला) को इस योजना के अन्तर्गत शामिल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी 95 विकासखण्डों में एकल महिलाओं को इस योजना का लाभ दिया जायेगा। मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना के तहत एकल महिलाओं के लिए स्वरोजगार के तहत कृषि, बागवानी, पशुपालन, कुकुट, पालन, भेड़ पालन, बकरी पालन, उद्यान, बुटीक, टेलरिंग, जनरल स्टोर, टिफन सेवा, कैंटीन, कैटरिंग, प्लम्बर, इलैक्ट्रिशियन, डाटा एन्ट्री कार्य, कम्प्यूटर हार्डवेयर रिपेयरिंग, टेली काॅलिंग आदि जैसे कार्यों को जोड़ा गया है। मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना 18 से 50 वर्ष तक की आयुसीमा वाली एकल महिलाओं के लिए निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना का मुख्य उद्देश्य है कि प्रदेशभर की एकल महिलाएं इस योजना के माध्यम से आत्मनिर्भर बन सकें और उन्नति के मार्ग पर आगे बढ़ें। मंत्री ने कहा कि उप समिति की आगामी बैठक में अन्तिम रूप देने के बाद इसे शासन में भेजा जायेगा। उन्होंने कहा कि मंत्री मण्डल की समिति में पारित होने के बाद मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना को इसी साल लागू किया जायेगा। इस अवसर पर बैठक में सदस्य सचिव, उप समिति, चन्द्रेश कुमार यादव, निदेशक, उप समिति, प्रशान्त आर्य एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।