फीफा ने 2030 और 2034 वर्ल्ड कप के मेज़बान देशों का किया ऐलान

FIFA 2023-34: फुटबॉल दुनिया का सबसे लोकप्रिय और सबसे ज्यादा देशों में खेला जाने वाला का खेल है. इसलिए हर 4 चाल पर होने वाले फीफा वर्ल्ड कप का फैंस को बेसब्री से इंतजार रहता है. फीफा ने 2026 के बाद उसके अगले दो एडिशन की मेजबानी का भी ऐलान कर दिया है. फुटबॉल को चलाने वाली सर्वोच्च संस्था फीफा ने बताया कि 2030 में स्पेन, मोरोक्को और पुर्तगाल को मेजबानी दी गई है. वहीं 2034 एडिशन की मेजबानी सऊदी अरब करेगा. बता दें फीफा वर्ल्ड कप का अगला एडिशन 2026 में होना है. इसके लिए अमेरिका, कनाडा और मेक्सिको को मेजबानी सौंपी गई है.

6 देश करेंगे 2030 वर्ल्ड कप की मेजबानी
फुटबॉल वर्ल्ड कप की मेजबानी सौंपने के लिए फीफा ने वर्चुअल कांग्रेस का आयोजन किया. इस दौरान फीफा के अध्यक्ष जियानी इनफैंटिनो ने 2030 और 2034 के मेजबानों का ऐलान किया. उन्होंने बताया कि 2030 एक या दो नहीं बल्कि 6 देश फीफा वर्ल्ड कप को होस्ट करेंगे. स्पेन, मोरोक्को और पुर्तगाल के अलावा एक-एक मैच साउथ अमेरिकी देश उरुग्वे, पैराग्वे और अर्जेंटीना को दिए गए हैं. फीफा के ऐलान के साथ ये तय हो गया है कि फुटबॉल वर्ल्ड कप 100 साल बाद एक बार फिर से उरुग्वे में लौटेगा. इससे पहले उसने 1930 में फुटबाल वर्ल्ड कप की मेजबानी की थी. इस खास मौके के सम्मान में ही फीफा ने उसे एक मैच आयोजित करने का हक दिया है. इसलिए उद्घाटन समारोह भी उरुग्वे में ही रखा गया है.

2022 में कतर ने किया था आयोजन
फुटबॉल वर्ल्ड कप के 2034 एडिशन की मेजबानी सऊदी अरब को सौंपी गई है. यह दूसरी बार होगा जब खाड़ी देश में खेल के इस महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा. इससे पहले 2022 में कतर ने फुटबॉल वर्ल्ड कप की मेजबानी कर चुका है. ये अरब जगत का पहला देश था, जहां फीफा वर्ल्ड कप हुआ था. इसके बाद सऊदी अरब ने टूर्नामेंट के लिए दावेदारी ठोकी. उसकी कोशिश थी कि 2030 की मेजबानी उसे मिल जाए लेकिन ऐसा नहीं हो सका.

सऊदी अरब ने ऑस्ट्रेलिया को पछाड़ा
2034 के एडिशन की मेजबानी के लिए बोली लगाने वाला सऊदी अरब अकेला देश था. सऊदी अरब के अलावा पहले इस रेस में ऑस्ट्रेलिया भी शामिल था लेकिन फिर ऑस्ट्रेलिया ने आखिरी वक्त पर अपना नाम वापस ले लिया, जिसके बाद सऊदी अकेला दावेदार बचा. सऊदी अरब ने इस मेजबानी को पाने के लिए जमकर पैसे लुटाए. उसने दुनिया के सबसे मशहूर फुटबॉल खिलाड़ी क्रिस्टियानो रोनाल्डो को अपने देश में खेलने के लिए बुलाया. स्टेडियम से लेकर तमाम इंफ्रास्टक्चर पर खर्च किए. इस दौरान वह लगातार मेजबानी की कोशिश करता रहा. अब जाकर उसे सफलता मिली है.