किसान आंदोलन 2.0 की आहट के बीच हरियाणा की शंभू और खनौरी सीमाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आना बाकी है।
यहां किसान बीते 5 महीनों से मौजूद हैं। अब कहा जाने लगा है कि ‘दिल्ली चलो मार्च’ को लेकर किसान यूनियन बंटी हुईं थीं। हालांकि, कई किसान संगठनों ने सीमा पर बैठे किसानों को समर्थन दिया है और साफ किया है कि किसानों के साथ हैं।
ये नहीं होंगे शामिल
मार्च की शुरुआत किसान मजदूर संघर्ष समिति (KMSC) और भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धुपुर ने फरवरी में की थी। KMSC के अगुवाई सरवन सिंह पंढेर और दूसरे जगजीत सिंह डल्लेवाल कर रहे थे।
इसके बाद कई किसान यूनियन भी इसमें शामिल हुए। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, बीकेयू (राजेवाल) और बीकेयू (एकता उग्रहण), संयुक्त किसान मोर्चा (SMK और SKM-अखिल भारतीय) ने मार्च से दूरी बना रखी है।
रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब में सबसे बड़ी किसान यूनियन बीकेयू (एकता उग्रहण) ने विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को समर्थन दिया था, लेकिन मार्च में शामिल नहीं हुए थे। चैनल के मुताबिक, बीकेयू राजेवाल के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने बुधवार को कहा कि वह किसानों की मांग का समर्थन करते हैं, लेकिन दिल्ली चलो मार्च में शामिल नहीं होंगे। हरियाणा पुलिस ने शंभू और खनौरी सीमा को बंद कर दिया था।
एसकेएम की ताकत कम करने की साजिश के आरोप
राजेवाल ने यह भी कहा कि एसकेएम और एसकेएम ऑल इंडिया को कमजोर करने की साजिश की गई है। चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘इसका मतलब यह नहीं है कि अगर कुछ यूनियन मार्च में शामिल नहीं हो रहे हैं, तो किसान एकजुट नहीं हैं। लेकिन हमें अपनी गलती माननी होगी। ऐसी स्थिति नहीं बननी चाहिए थी।’ साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी किसानों के खिलाफ बल उपयोग की कीमत चुकाएगी।
उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का भी जिक्र किया और कहा कि ऐसा दूसरी बार हुआ है, जब असल मांग उठा रहे किसानों की हालत ऐसी कर दी है।
उन्होंने कहा, ‘किसान नहीं, हरियाणा सरकार ने हाईवे ब्लॉक किए हैं। अगर हमने ट्रैफिक रोका होता, तो हम पर नेशनल हाईवे एक्ट 1956 के तहत केस हो जाता, लेकिन उन अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिन्होंने दो बड़े हाईवे बंद कर रखे हैं।’
केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने पंढेर और डल्लेवाल पर INDIA गठबंधन के साथ मिलीभगत के आरोप लगाए हैं। उन्होंने सवाल किया, ‘शंभू और खनौरी सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को बताना चाहिए कि जब हाईवे बंद हैं, तो वे नई दिल्ली कैसे पहुंच रहे हैं और राहुल गांधी से कैसे मिल रेह हैं।’
उन्होंने आगे कहा, ‘केंद्र सरकार बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन कुछ किसान नेता अफवाह फैला रहे हैं कि उन्हें दिल्ली में एंट्री की अनुमति नहीं मिलेगी।’
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