बेतिया। बेतिया से 15 किमी दूर चनपटिया थाना इलाके में चुहड़ी गांव में युवती की मौत और पिता के गिरफ्तार होने के बाद पूरा परिवार फरार है। दरवाजे पर ताला लटका है। इस घटना में साथ देने वाले तीनों चाचा के घर पर कोई नहीं है। पड़ोसियों ने बताया कि विरेंद्र की गिरफ्तारी के बाद से चारों भाइयों का परिवार गांव से गायब है।
लड़की के पिता-चाचा और 2 भाइयों के साथ हम सीता की लाश को नहर के किनारे लेकर आए। उसके चाचा बोला कि लाश को काट दो। उसका एक भाई गड़ासा लेकर आया व दूसरा मछली काटने वाला परसा। भाई ने लाल रंग की सलवार काटी। पैर पकड़े और मैंने उसके पैर काट दिए। फिर पिता ने उसकी गर्दन काट दी। चाचा और उसके दोनों लड़कों ने हाथ काट दिए। इसके बाद बोरे में भरकर हमने लाश को नहर में फेंक दिया।
पुलिस को ये बयान 21 साल की लड़की के 6 टुकड़े करने वाले आरोपी प्रभु साह ने दिया है। पुलिस के मुताबिक आरोपी को मछली काटने का अनुभव है इसलिए परिवार ने उसे लड़की का शव काटने के लिए बुलाया था। इसके एवज में उसे 500 रुपए मिले थे। काम पूरा होने के बाद 8 हजार रुपए और देने की बात हुई थी। बेतिया में 28 जुलाई को प्लास्टिक की बोरी में बंद सीता की सिर कटी लाश बहती नहर से बरामद हुई थी। इसमें शव के 6 टुकड़े मिले थे जिसमें सिर नहीं था। घटना के 13 दिन बाद पुलिस उसके सिर को नहीं ढूंढ पाई है। पुलिस ने इस मामले में पिता, चाचा और तीन चचेरे भाई समेत 6 लोगों को आरोपी बनाया है। दो लोगों की गिरफ्तारी हुई है। पिता का कहना है कि बेटी का एक लड़के से अफेयर था। कुछ दिन पहले लड़का मिलने आया था। इसे लेकर मैंने डांटा तो उसने खुदकुशी कर ली। बेटी की लाश देखकर सभी डर गए थे। पुलिस इस मामले में हत्या के एंगल से भी जांच कर रही है।