पप्पू यादव को भेजा गया धमकी पत्र फर्जी, पुलिस ने जांच में कोई गैंग कनेक्शन न होने की दी जानकारी

बिहार के पूर्णियां से सांसद पप्पू यादव के निवास अर्जुन भवन को उड़ाने के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया. पूर्णियां पुलिस ने धमकी भरा लेटर भेजने वाले से पूछताछ की, जिसमें यह लेटर फर्जी निकला. पुलिस का कहना है, सुपौल निवासी कुंदन कुमार को फंसाने के लिए उसके नाम से यह धमकी भरा लेटर सांसद पप्पू यादव को भेजा गया. लेटर भेजने वाला इतना शातिर था कि उसने नाम और पत्र को कंप्यूटर से प्रिंट करवाकर लिफाफे में चिपकाया था. साथ ही पत्र भी कंप्यूटर से टाइप किया गया ताकि हैंडराइटिंग से पहचान न हो सके.

अलग-अलग टीमों का गठन
पूर्णियां के एसपी बताया कि पप्पू यादव को जितनी भी धमकियां मिली हैं, उन्हें पुलिस गंभीरता से ले रही है. साथ ही मामले की जांच के लिए अलग-अलग टीमें बनाई हैं. उन्होंने बताया कि कुरियर द्वारा अर्जुन भवन को उड़ाने का मामला फर्जी पाया गया है और किसी ने युवक के नाम का गलत इस्तेमाल किया है. हालांकि, पत्र किसने भेजा, इसकी जांच जारी है.

कुरियर और मोबाइल नंबरों की जांच शुरू की
धमकी भरा लेटर भेजने के मामले में पुलिस अब कुरियर वाले से पूछताछ कर रही है कि आखिर कौन यह लेटर पोस्ट करने आया था. साथ ही कुरियर के आसपास लगे CCTV फुटेज को भी खंगाला जा रहा है, ताकि धमकी देने वाले तक पहुंचा जा सके. धमकी देने वाला इतना शातिर था कि उसने लेटर में जो भी मोबाइल नंबर लिखे हैं, वे लेटर में दर्ज युवक का ही हैं.

लॉरेंस गैंग से कोई लिंक नहीं
पप्पू यादव को धमकी देने के मामले में अब तक कुल 6 मामले दर्ज किए गए हैं. पूर्णियां एसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि किसी भी मामले में लॉरेंस विश्नोई गैंग से कोई संबंध नहीं पाया है. पहले दिल्ली से महेश पांडेय की भी गिरफ्तारी हुई थी, उसे भी रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई, लेकिन लॉरेंस गैंग से कोई संबंध नहीं पाया गया. उन्होंने बताया कि महेश पांडेय पूर्व में कई सांसद और विधायकों के यहां काम कर चुका है और धमकी के माध्यम से पप्पू यादव से नजदीकियां बढ़ाना चाहता था. एसपी कर्तिकेय शर्मा ने यह भी बताया कि पूर्णिया पुलिस सांसद की सुरक्षा में कोई ढिलाई नहीं बरतना चाहती और उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई गई है.

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