भोपाल : उप मुख्यमंत्री एवं सागर जिले के प्रभारी मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि डॉ. हरीसिंह गौर ने भारत के संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आज, जब पूरा देश संविधान दिवस मना रहा है, ऐसे समय में डॉ. गौर की भव्य प्रतिमा का अनावरण करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा, "अपने लिए तो सब जीते हैं, लेकिन जो दूसरों के लिए जिए, वही सच्चे अर्थों में महापुरुष होता है।" डॉ. गौर का जीवन अत्यंत प्रेरणादायक है। वे ज्ञान, कर्म और भक्ति के प्रतीक थे। उन्होंने अपनी पूरी संपत्ति विश्वविद्यालय की स्थापना में लगा दी, जिसका लाभ न केवल बुंदेलखंड बल्कि पूरे देश को मिल रहा है।
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा, "सागर में भगवान के बाद यदि किसी की पूजा होती है तो वह डॉ. हरीसिंह गौर की।" उन्होंने समाज को शिक्षा के माध्यम से प्रकाश प्रदान किया। उनका जीवन और योगदान सदा आदर और सम्मान के योग्य है। उप मुख्यमंत्री ने सागर के शनि मंदिर चौराहे पर डॉ. हरीसिंह गौर की प्रतिमा का अनावरण किया।
डॉ. गौर को भारत रत्न से सम्मानित करने के लिये जन-अभियान होगा प्रारंभ – मंत्री राजपूत
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि डॉ. हरीसिंह गौर को भारत रत्न से सम्मानित करने के लिए जनमानस और प्रबुद्धजनों की मंशानुरूप जन-अभियान शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि डॉ. गौर की मूर्ति उनकी संघर्षशीलता और जनकल्याण के योगदान के प्रति सम्मान का प्रकटीकरण है। मंत्री राजपूत ने बताया कि डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय कभी पूरे भारत में चौथे स्थान पर था और आज भी अपनी प्रतिष्ठा को बनाए हुए है। सांसद लता वानखेड़े, डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता, विधायक प्रदीप लारिया, स्थानीय जनप्रतिनिधि और विभागीय अधिकारी भी उपस्थित रहे।