भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के सभी नगरों में प्रवेश द्वार बनाए जाएं। राष्ट्रीय राजमार्गों एवं राज्य राजमार्गों के विकास के साथ ही मार्गों पर नगरों की संस्कृति, उनकी ऐतिहासिकता तथा विशिष्ट पहचान को दर्शाते प्रवेश द्वारों का निर्माण किया जाए। यह प्रवेश द्वार नगरों की पहचान बनने के साथ-साथ मार्गों पर निगरानी करने तथा सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी उपयोगी सिद्ध होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव समत्व भवन में राष्ट्रीय राजमार्गों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव श्री अशोक बर्णवाल, प्रमुख सचिव लोक निर्माण श्री डी.पी. आहूजा और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को उन्नत व सुदृढ़ बनाने तथा विकास की प्रक्रिया को गति देने में सड़कों की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह सुनिश्चित किया जाए कि सड़क निर्माण प्रक्रिया में भू-अर्जन, विभागीय अनुमतियों, भूमि उपलब्ध कराने आदि के कारण किसी भी प्रकार का विलंब न हो। प्रदेश के सुदूरवर्ती अंचलों को राजधानी भोपाल से सीधे जोड़ने के लिए बनाई जाने वाली सड़कों के प्रस्तावों का समय-सीमा में क्रियान्वयन किया जाए।
बैठक में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की समीक्षा में दमोह से शाहगढ़, मुरैना-सबलगढ़, धार-गुजरी, बमिठा-सतना, सतना से चित्रकूट, जबलपुर-दमोह व औबेदुल्लागंज-बैतूल-नागपुर मार्ग के पृथक-पृथक निर्माण स्तर एवं उज्जैन से झालावाड़ मार्ग को टू लेन से फोर लेन करने के संबंध में विचार-विमर्श हुआ।