भोपाल। मध्य प्रदेश में गर्मी के इस मौसम में लगातार कटौती होती रही। इसके बाद भी बिजली पावर मैनेजमेंट कमेटी ने 401 करोड रुपए की बिजली आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना इत्यादि राज्यों को बेची गई है।मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी मई के माह में बिजली बेचने के कारोबार में लगी रही। मध्य प्रदेश के लोग गर्मी से परेशान होते रहे। मध्य प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं की मांग को दरकिनार करते हुए आयोग की गाइडलाइन का उल्लंघन किया। जो एक आपराधिक कृत्य हैं।
बिजली बेचने के इस धंधे में दलालों की भी बड़ी भूमिका रही है। जमकर इसमें कमीशन खोरी हुई है। ऊर्जा मामलों के विशेषज्ञ और सेवानिवृत्ति मुख्य अभियंता राजेंद्र अग्रवाल का कहना है। आयोग का नियम है, जब राज्य में ज़ब भरपूर बिजली उपलब्ध हो। उपभोक्ताओं को पूरी बिजली मांग के अनुसार प्रदाय की जा रही हो। तभी अन्य राज्यों को बिजली विक्रय की जा सकती है।मध्य प्रदेश की बिजली वितरण कंपनियों ने फाल्ट के नाम पर बिजली कटौती का अघोषित फार्मूला अपना रखा है।इसमें भारी रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार की भी बात कही गई है।