भोपाल । भोपाल को झुग्गी मुक्त करने के लिए एक बार फिर प्रयास शुरू हो गए हैं। पहले फेस में वल्लभ भवन के आसपास की झुग्गियां हटेंगी। इसके लिए सर्वे पूरा हो गया है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बैठक में अफसरों ने झुग्गियों को हटाने के बने प्लान पर मंथन भी किया। बैठक में स्लम रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम के तहत लोगों को पक्के मकान उपलब्ध कराने एवं भोपाल को झुग्गी मुक्त करने के प्लान पर चर्चा की गई। झुग्गियों को 9 कलस्टरों में विभाजित किया गया है। पहले कलस्टर में वल्लभ भवन के आसपास की झुग्गियों का सर्वे पूरा कर लिया गया, जबकि अन्य कलस्टर में सर्वे जारी है। कलेक्टर सिंह ने सर्वे में सोशल प्रोफाइलिंग भी करने को कहा है। ताकि, संबंधित व्यक्ति को घर के साथ उनकी आजीविका भी चलती रहे। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रथम चरण में निर्माण कार्य की कार्रवाई शुरू हो गई है। प्रारंभिक तौर पर लगभग 17-18 एकड़ में निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा। जिसके लिए एक सप्ताह के अंदर डीपीआर डिजाइन, प्लानिंग पॉलिसी, एस्टीमेट और टेंडर की शर्ते एवं सभी तैयारियां एक सप्ताह के भीतर पूरी की जाएगी। निगम कमिश्नर हरेंद्र नारायण यादव ने सभी एसडीएम से कहा कि जिले को स्लम फ्री बनाने के लिए विस्तृत योजना तैयार कर कार्रवाई करें। करीब 40 साल में 3 बार राजधानी को झुग्गी मुक्त बनाने का अभियान चला। इस दौरान 1450 करोड़ रुपए खर्च भी किए गए। फिर भी शहर में झुग्गी-बस्तियों के इलाकों की संख्या बढ़ती गई। 3 साल पहले तक इनकी संख्या 72 थी, जो अब करीब 85 हो गई है। एक रिपोर्ट के अनुसार-सबसे ज्यादा झुग्गी वाले देश के टॉप-10 शहरों में मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, हैदराबाद, लखनऊ, कोलकाता, नागपुर, अहमदाबाद, बेंगलुरू के साथ भोपाल भी शामिल रहा है।
पीपीपी मॉडल के तहत पक्के मकान मिलेंगे
इन झुग्गियों के निवासियों को पीपीपी मॉडल के तहत पक्के मकान प्रदान किए जाएंगे। इसके साथ ही सुराज अभियान और रिडेंसीफिकेशन नीति के तहत आवासीय परियोजनाओं में मॉल, कमर्शियल कॉम्पलेक्स और प्राइम डेवलेपमेंट कार्य भी किए जाएंगे। इसके साथ ही पार्किंग स्पेस, कम्युनिटी हॉल, दुकान भी डेव्लप किए जाएंगे।
कई प्राइम लोकेशन पर झुग्गियां
भोपाल में चाहे राजभवन से सटे इलाके में 17 एकड़ में फैली रोशनपुरा बस्ती हो या बाणगंगा, भीमनगर, विश्वकर्मा नगर जैसी टॉप 8 झुग्गी-बस्तियां शहर के बीच प्राइम लोकेशंस पर करीब 300 एकड़ में फैली हैं। इनके अलावा राहुल नगर, दुर्गा नगर, बाबा नगर, अर्जुन नगर, पंचशील, नया बसेरा, संजय नगर, गंगा नगर, बापू नगर, शबरी नगर, ओम नगर, दामखेड़ा, उडिय़ा बस्ती, नई बस्ती, मीरा नगर जैसी कुल 388 बस्तियां शहर में हैं। इन सबकी जमीन का हिसाब लगाएं तो यह करीब 1800 एकड़ के आसपास बैठती है। इनमें से ज्यादातर पॉश इलाकों में ही हैं।