बांग्लादेशियों को भारत में घुसपैठ कराने के मामले में अब प्रवर्तन निदेशालय ने भी जांच शुरू कर दी है।
एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग के ऐंगल से जांच के लिए इस मामले में 17 ठिकानों पर छापे मारे हैं। ये छापे झारखंड और पश्चिम बंगाल में मारे गए हैं।
सूत्रों का कहना है कि ईडी को इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की भी जानकारी मिली है और इसी ऐंगल से उसने जांच को आगे बढ़ाया है। ईडी ने इस मामले में सितंबर में केस दर्ज किया था।
उसने अवैध घुसपैठ और मानव तस्करी के मामलों में मनी लॉन्ड्रिंग का भी ऐंगल सामने आने के बाद जांच शुरू की थी।
यह जानकारी मिली थी कि बड़ी संख्या में बांग्लादेशी महिलाओं को झारखंड में भेजा गया है और इसके पीछे पैसों का भी लेनदेन है।
पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा के अन्य नेताओं का कहना है कि राज्य सरकार का इसमें हाथ है और वह ऐसी घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है।
ऐसी घुसपैठ इसलिए कराई जा रही है ताकि झारखंड की जनसांख्यिकी में बदलाव कर दिया जाए और उसका फायदा चुनाव में उठाया जा सके।
भाजपा ने चुनाव प्रचार में भी यह मुद्दा उठाया है और कहा कि संथाल परगना एवं कोल्हन क्षेत्र में यह घुसपैठ ज्यादा कराई जा रही है।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे तो इस मामले को पूरी आक्रामकता से उठाते रहे हैं। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह, हिमंत बिस्वा सरमा और शिवराज सिंह चौहान जैसे नेताओं ने भी इस मामले को उठाया है।
झारखंड में पहले राउंड का मतदान 13 नवंबर को होने वाला है, जबकि 20 नवंबर को दूसरे राउंड की वोटिंग है। ऐसे में वोटिंग से ठीक पहले रेड के अपने मायने हैं।
पहले राउंड में 43 सीटों पर वोटिंग है, जबकि दूसरे चरण में 38 सीटों पर मतदान होना है।
ईडी ने यह केस रांची पुलिस की ओर से जून में दर्ज की एफआईआर के आधार पर फाइल किया है। बता दें कि 8 नवंबर को ही 6 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया था, जो त्रिपुरा से मुंबई जा रहे थे।
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