हिन्दू धर्म में वास्तु और ज्योतिष शास्त्र दोनों का ही बड़ा महत्व है. वहीं घर बनने से लेकर उसमें सामग्री रखना, पूजा करना आदि सब कुछ किस तरह से हो, इसके लिए वास्तु शास्त्र में उपाय मिल जाते हैं. इनमें दिशा का भी बहुत बड़ा महत्व होता है. कहा जाता है कि पूजा या धार्मिक अनुष्ठान के लिए ईशान कोण को श्रेष्ठ माना गया है. यहां बता दें कि, ईशान कोण उत्तर-पूर्व दिशा को ही कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि, इस दिशा में देवी-देवताओं का वास होता है. इसलिए इस दिशा में पूजा करने से आपको शुभ फल की प्राप्ति होती है. इस दिशा में शंख रखने से भी आपको चमत्कारी लाभ मिल सकते हैं. आइए जानते हैं
ईशान कोण क्यों है खास?
सबसे पहले दिशा के बारे में जान लेते हैं कि आखिर क्यों ईशान कोण को महत्व दिया गया है. तो यहां बता दें कि, यही एक ऐसी दिशा है जहां भगवान स्थापित करने से ईश्वर का आशीर्वाद हमें मिलता है. इस दिशा को देव गुरु बृहस्पति से संबंधित माना गया है. ऐसे में यह दिशा ध्यान लगाने के लिए भी सबसे शुभ मानी गई है.
इस दिशा में शंख रखने से क्या होगा?
चूंकि, ईशान कोण पूजा-पाठ के लिए श्रेष्ठ है इसलिए हिन्दू धर्म में शुभता का प्रतीक माने गए शंख को रखने के लिए भी उत्तम है. इस दिशा में शंख में जल भरकर उसमें कुछ पत्ते तुलसी के डाल दें. इस तरह शंख रखने से आपके घर में सकारात्मकता आएगी और साथ में समृद्धि भी लाएगी. इसके अलावा यदि आप इस दिशा में शंख रखते हैं तो आपको माता लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होगी, जिससे आर्थिक तंगी दूर होगी. इस दिशा में यदि आप शंख बजाते हैं तो आपको मानसिक शांति भी मिलती है.
कैसे करें शंख की पूजा
चूंकि, शंख का उपयोग पूजा में होता है और इसकी ध्वनि के बिना पूजा अधूरी लगती है, तो मन में यह विचार भी आता है कि इसकी पूजा कैसे करें. इसके लिए आप शंख को अच्छी तरह से धोएं और फिर कुछ देर के लिए ढक दें. अब ईशान कोण में एक लाल रंग का कपड़ा बिछाकर चौकी पर शंख रखें. ध्यान रहे शंख का मुंह पूर्व दिशा की ओर हो. अब आप शंख के पास दीपक जला कर उसकी पूजा करें.