अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर 5 नवंबर से मतदान प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने 2020 के चुनाव की कड़वी यादें ताजा कीं। उन्होंने कहा कि उन्हें व्हाइट हाउस छोड़ना ही नहीं चाहिए था।
इससे यह आशंका पैदा हो गई कि अगर वह हैरिस से हार गए तो 5 नवंबर के मतदान के नतीजे को स्वीकार नहीं करेंगे।
ट्रंप ने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में मतगणना प्रक्रिया पर सवाल उठाए। उन्होंने ने रविवार को पेंसिल्वेनिया में एक रैली में कहा कि उन्हें व्हाइट हाउस छोड़ना नहीं चाहिए था।
जो बाइडन के सत्ता में आने के बाद ट्रंप ने मतदान प्रक्रिया में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। साथ ही, उन्होंने चुनावी नतीजे को अदालत में चुनौती दी, जिसने उनके दावों को खारिज कर दिया।
‘जब तक मैं व्हाइट हाउस में था तब तक…’
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने भाषण में बाइडन प्रशासन की आव्रजन नीति पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब तक वह व्हाइट हाउस में थे तब तक देश की सीमाएं सुरक्षित थीं।
पूर्व राष्ट्रपति ने पेंसिल्वेनिया के लिटित्ज में चुनावी रैली में कहा, ‘जिस दिन मैंने राष्ट्रपति भवन छोड़ा, उस दिन हमारे देश के इतिहास में हमारी सीमा सबसे सुरक्षित थी।
मुझे जाना ही नहीं चाहिए था। मेरा मतलब ईमानदारी से है, क्योंकि हमने बहुत अच्छा काम किया।’
अमेरिका के विभिन्न प्रांतों में करोड़ों मतदाताओं ने 5 नवंबर से पहले ही अपने वोट डाल दिए हैं। फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के ‘इलेक्शन लैब ट्रैकर’ के आंकड़ों के मुताबिक, 6.8 करोड़ से अधिक अमेरिकी अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर चुके हैं।
पूरे अमेरिका में मतदाता समय पूर्व मतदान व्यवस्था से मिलने वाली सहूलियत का लाभ उठा रहे हैं, फिर चाहे वह डाक मतपत्रों के माध्यम से हो या फिर मतदान केंद्रों पर जाकर वोट डालकर।
समय पूर्व मतदान व्यवस्था मतदाताओं को खराब मौसम, मतदान केंद्रों पर लंबी कतारों में लगने, व्यस्तताओं के कारण वोट न डालने या चुनाव के दिन व्यक्तिगत कार्यक्रमों में बदलाव करने के झंझट से मुक्ति दिलाती है।
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