ऋषभ पंत पर दिल्ली कैपिटल्स के हेड कोच ने बोला झूठ? पार्थ जिंदल का बड़ा बयान

आईपीएल 2025 के लिए हेमांग बदानी ने दिल्ली कैपिटल्स के हेड कोच को पद संभाला है. उन्होंने रिकी पॉन्टिंग की जगह ली है. दिल्ली के नए कोच ने हाल ही ऋषभ पंत को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा किया था. उन्होंने हाल ही दिए एक इंटरव्यू के दौरान आरोप लगाया था कि फ्रेंचाइजी पंत को रिटेन करना चाहती थी, लेकिन वह खुद पंत मेगा ऑक्शन में जाना चाहते थे. उन्हें अपनी मार्केट वैल्यू ज्यादा लगती थी, इसलिए उन्होंने टीम को छोड़ दिया. अब उनकी ये बात झूठी साबित होती हुई नजर आ रही है. क्योंकि फ्रेंचाइजी के मालिक पार्थ जिंदल ने बिल्कुल उनसे उलट बात कही थी.

पार्थ जिंदल ने पंत के रिटेंशन पर क्या कहा था?

सऊदी अरब के जेद्दा में आईपीएल 2025 के लिए 24 और 25 नवंबर को खिलाड़ियों की बोली लगी थी. ऑक्शन पूरा होने के बाद फ्रेंचाइजी के मालिक पार्थ जिंदल ने पंत को वापस टीम में शामिल नहीं कर पाने पर अफसोस जताया था. उन्होंने रिटेन नहीं करने के फैसले पर भी बात की थी. ईएसपीएनक्रिकइंफो को दिए एक इंटरव्यू में पार्थ जिंदल ने खुलासा किया था कि पंत के दिल्ली छोड़कर जाने के फैसले में पैसों का कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा था कि ‘ना ही ऋषभ और ना हमारे लिए पैसा कभी भी कोई समस्या नहीं रहा. बस हम अलग रास्तों पर थे.’

जिंदल ने यह भी कहा था कि वह पंत को हर हाल में रिटेन करना चाहते थे. दोनों के बीच बहुत बातचीत हुई लेकिन टीम को ऑपरेट करने की बात पर सहमति नहीं बन सकी. इसलिए उन्हें रिटेन नहीं किया गया. टीम के हेड कोच और मालिक ने दो अलग-अलग बातें कही है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हेड कोच हेमंग बदानी पंत पर गलत आरोप लगा रहे हैं.

वापस खरीदने का किया था प्रयास

आईपीएल मेगा ऑक्शन के दौरान 577 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था, जिसमें 182 को 10 अलग-अलग टीमों ने खरीदकर अपनी टीम में शामिल किया. दिल्ली के फैंस उम्मीद कर रहे थे कि इस दौरान ऋषभ पंत को राइट टू मैच कार्ड के जरिए वापस खरीद लिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. हालांकि, दिल्ली ने इसके लिए कोशिश जरूर की थी. जब लखनऊ की टीम ने उनके लिए 20.25 करोड़ की बोली लगाई, तब पार्थ जिंदल ने राइट टू मैच कार्ड का इस्तेमाल किया. इसके बाद लखनऊ ने बोली बढ़ाकर 27 करोड़ कर दी. पर्स में कम पैसे होने के कारण मजबूरी में उन्हें छोड़ना पड़ा. जिंदल ने कहा था कि वो 22-23 करोड़ तक देने के लिए तैयार थे. इसके साथ ही पंत लीग के इतिहास में सबसे महंगे खिलाड़ी बन गए.