दिल्ली: DMRC को दिल्ली सरकार से 7200 करोड़ रुपये की दरकार है। इसे लेकर दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) के प्रबंध निदेशक (MD) ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि यदि समय पर राशि उपलब्ध नहीं कराई गई, तो फेज-4 के तहत निर्माणाधीन कॉरिडोर में देरी होगी। इससे लागत में भी बढ़ोतरी होगी।
2026 में पूरा होने का लक्ष्य
दिल्ली मेट्रो के फेज-4 के तहत आरके आश्रम से जनकपुरी (पश्चिम), एरोसिटी-तुगलकाबाद और मुकुंदपुर से मौजपुर का निर्माण कार्य चल रहा है। तीनों कॉरिडोर को 2026 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। लाजपत नगर से साकेत जी ब्लॉक और इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ कॉरिडोर के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। दोनों कॉरिडोर को इसी साल मार्च में केंद्र सरकार ने मंजूरी दी थी। इसके अलावा रिठाला से नाथूपुर तक एक और कॉरिडोर बनाने की संभावना है, लेकिन इसे अभी केंद्र सरकार से आवश्यक मंजूरी नहीं मिली है।
दिल्ली मेट्रो फेज-4 की लागत 24,948 करोड़ रुपये
DMRC के MD ने पत्र में कहा कि 62 किलोमीटर की लंबाई वाले फेज-4 के तीन निर्माणाधीन कॉरिडोर की लागत 24,948 करोड़ रुपये है। इन परियोजनाओं को समय से पूरा करने के लिए नियमित रूप से धन की आवश्यकता है। इसके साथ 47 किलोमीटर से अधिक की लंबाई वाले तीन अन्य कॉरिडोर के लिए भी धन की आवश्यकता है। बताया जा रहा है कि पत्र में MD ने कहा है कि समय पर धनराशि जारी करने की जरूरत है, ताकि परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जा सके।
दिल्ली सरकार से 376 करोड़ रुपये की मांग
दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग (PWD) की ओर से मेट्रो के फेज-4 के निर्माणाधीन कॉरिडाेर के लिए डबल डेकर वायडक्ट का निर्माण किया जा रहा है। ऐसे में DMRC ने दिल्ली सरकार से लोक निर्माण विभाग को 376 करोड़ रुपये जारी करने के लिए भी कहा है। यह डबल डेकर वायडक्ट के ऊपरी हिस्से पर मेट्रो चलेगी जबकि नीचे वाले हिस्से पर यातायात चलेगा। राजधानी में इस तरह के तीन डबल डेकर वायडक्ट का निर्माण होना है। इसमें एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर पर संगम विहार व अंबेडकर नगर स्टेशनों के बीच 2.4 किलोमीटर लंबा वायडक्ट, आजादपुर व रानी झांसी रोड चौराहे के बीच डबल डेकर वायडक्ट करीब 2.2 किलोमीटर लंबा होगा और भजनपुरा व यमुना विहार के बीच वाला वायडक्ट करीब 1.4 किलोमीटर लंबा होगा।