दक्षिण पश्चिम मानसून के कमजोर होने से दुर्गापूजा पर पटना सहित प्रदेश के कुछ जिलों में मौसम सामान्य बना रहेगा। लेकिन उत्तरी बिहार में बारिश का अनुमान लगाया गया है। लोगों के मेले का मजा किरकिरा हो सकता है। वहीं व्यापारियों को भी भारी घाटा सहना पड़ सकता है।
दुर्गा पूजा पर इन जिलों में बारिश के आसार
सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार, सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, वैशाली, शिवहर व समस्तीपुर में दशहरा पर छिटपुट वर्षा की संभावना है।
मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र विकसित होने के कारण ही अगले 24 घंटों में इन जिलों में बारिश की संभावना बन रही है।
हल्की ठंड की शुरुआत
24-48 घंटों के दौरान उत्तर पछुआ हवा का प्रवाह होने से दिन के तापमान में वृद्धि व रात के तापमान में कमी आने के कारण सिहरन का प्रभाव बने रहने की संभावना है। अब सुबह-सुबह थोड़ी-थोड़ी ठंड लगने लगी है। तीन से चार दिनों के दौरान तापमान में विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है। सूर्य के दक्षिणायन होने से धीरे-धीरे सूर्य के ताप में कमी आएगी।
बीते 24 घंटो में बारिश का हाल
बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश के अलग-अलग भागों में हल्की वर्षा दर्ज की गई। समस्तीपुर के शिवजी नगर में सर्वाधिक वर्षा 36.4 मिमी दर्ज की गई। 34.2 डिग्री सेल्सियस पटना का तापमान दर्ज किया गया। 36.5 डिग्री सेल्सियस के साथ मधुबनी में सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। राजधानी के आसपास बादलों की आवाजाही बने होने से मौसम सामान्य बना रहा।
समस्तीपुर के सरारी रंजन में 35.2 मिमी, समस्तीपुर के रोसड़ा में 35.2 मिमी, बक्सर में 23.2 मिमी, भोजपुर के उदवंत नगर में 22.2 मिमी, समस्तीपुर के खानपुर में 16.8 मिमी, आरा में 14.6 मिमी, बक्सर के ब्रह्मपुर में 12.2 मिमी, सुपौल में 11.0 मिमी, वैशाली के पातेपुर में 8.4 मिमी, समस्तीपुर में 8.2 मिमी, सुपौल के पिपरा में 7.6 मिमी, भोजपुर के बिहिया में 7.6 मिमी वर्षा दर्ज हुई।
बिहार ने केंद्र के सामने बाढ़ के साथ गंगा और गाद का मुद्दा भी उठाया
केंद्र सरकार के साथ गुरुवार को नई दिल्ली में हुई बिहार के अधिकारियों की बैठक में राज्य में जल संसाधन प्रबंधन के पहलुओं पर सार्थक चर्चा हुई। गंगा के सतत प्रवाह, नदियों में गाद की समस्या, कोसी-मेंची लिंक परियोजना आदि विचारणीय विषय रहे। बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने और बाढ़ से होने वाले नुकसान को कम करने के उपायों पर चर्चा हुई।
जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देबाश्री मुखर्जी और बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा की अध्यक्षता में हुई बैठक में जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल आदि उपस्थित रहे। कोसी-मेची लिंक परियोजना के क्रियान्वयन की प्रगति और इसमें आ रही चुनौतियों पर विचार करते हुए इसे शीघ्र पूरा करने के लिए आवश्यक कदमों पर चर्चा हुई।
इंद्रपुरी जलाशय योजना और तिलैया ढ़ाढर अपसरण योजना के तहत जल संचयन, वितरण और जलाशयों के समुचित प्रबंधन पर विचार हुआ। बैठक के दौरान गंगा के सतत प्रवाह को बनाए रखने और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से इसका संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए पर्यावरणीय प्रवाह के मानकों को सख्ती से लागू करने पर जोर दिया गया।
बिहार की नदियों में गाद को नियंत्रित करने और इसके प्रभावी प्रबंधन के लिए एक व्यापक और वैज्ञानिक नीति की आवश्यकता पर बल दिया गया। इसके लिए नदियों में गाद हटाने और उनके पुनः भराव को नियंत्रित करने के ठोस उपायों पर विचार किया गया।
इसके साथ ही जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को संयुक्त परियोजना कार्यालय में सम्मिलित करने का मुद्दा उठाया गया, ताकि बिहार के जल संसाधन प्रबंधन परियोजनाओं में राज्य सरकार की प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित हो सके। इसके अलावा, नेपाल में प्रस्तावित वाटर ट्रांसफर/डायवर्सन परियोजनाओं पर भी चर्चा की गई, जो क्षेत्रीय जल संसाधन प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण हैं।