दलित-आदिवासी भाजपा के साथ!

आरक्षित 10 लोकसभा सीटों पर भाजपा को दिलाई बड़ी जीत

भोपाल। मप्र की सभी लोकसभा सीटों पर भाजपा को बंपर जीत दिलाने में दलित-आदिवासी यानी अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग मतदाताओं का बड़ा योगदान रहा है। खासकर अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग बहुल सीटों पर जिस तरह भाजपा को बड़ी जीत मिली है उससे साफ हो गया है की ओबीसी समेत अन्य वर्गों के साथ ही दलित और आदिवासी भी भाजपा के साथ हैं।
गौरतलब है कि मप्र विधानसभा चुनाव के दौरान भी आदिवासी और दलित वर्ग ने करवट ली तो भाजपा के हाथों में सत्ता लौट आई। विधानसभा चुनाव में आदिवासियों के लिए सुरक्षित 47 सीटों में भाजपा को 25, कांग्रेस को 21 व भारत आदिवासी पार्टी को एक सीट मिली। पिछले चुनाव 2018 में भाजपा का साथ छोडक़र आदिवासी वर्ग कांग्रेस के साथ चला गया था, इस कारण सुरक्षित 47 सीटों में कांग्रेस को 30, भाजपा को 16 और अन्य को एक सीट मिली थी। यह संख्या वर्ष 2013 की तुलना में आधी थी। 2013 में भाजपा को 31 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस को 15। एक अन्य निर्दलीय जीता था, जो भाजपा का ही बागी था। दरअसल, पिछले कुछ वर्ष में भाजपा ने आदिवासी वर्ग के लिए काफी कुछ किया। द्रौपदी मुर्मु को राष्ट्रपति बनाया, बिरसा मुंडा जयंती को राष्ट्रीय स्तर पर गौरव दिवस के रूप में मनाया, जबलपुर में बलिदानी शंकर शाह-रघुनाथ शाह का स्मारक बनवाया। ऐसे अनेक कार्य करवाए कि आदिवासी वर्ग ने मप्र में कांग्रेस का साथ छोड़ दिया। उधर, अनुसूचित जाति (अजा) वर्ग के लिए सुरक्षित 35 सीटों में से भाजपा ने 25 सीटें जीतकर फिर विश्वास हासिल किया है।

लोकसभा में भी जताया विश्वास
विधानसभा चुनाव के बाद अब लोकसभा चुनाव में भी अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग ने भाजपा पर विश्वास जताया है। प्रदेश की लगभग सभी सीटों पर भाजपा ने लाखों के अंतर से कांग्रेस को हराया है। चुनाव परिणामों से साफ है कि मप्र में अनुसूचित जाति और जनजाति ने भाजपा पर भरोसा किया है। मप्र में विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव में भी अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग ने चौंका दिया है। दोनों वर्गों ने विधानसभा चुनाव की तरह एक बार फिर भाजपा पर भरोसा जताया है। प्रदेश की सभी आरक्षित सीटों पर भाजपा ने लाखों मतों के अंतराल से जीत दर्ज की है। खास बात यह है अनुसूचित जनजाति वर्ग की सभी 6 सीटों पर भाजपा की जीत का अंतराल 1 लाख से लेकर 4 लाख तक है। इसी तहर अनुसूचित जाति के लिए आरिक्षत 4 सीटों पर भी भाजपा प्रत्याशियों ने प्रदेश में अनूसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लिए 10 सीट आरक्षित हैं। इनमें से भिंड, टीकमगढ़, देवास और उज्जैन सीट अनुसूचित जाति के लिए आरिक्षत है। जबकि शहडोल, मंडला, रतलाम, खरगौन, बैतूल, और धार लोकसभा सीट जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है। प्रदेश की सबसे चर्चित सीट छिंदवाड़ा में भी जनजाति वर्ग निर्णायक भूमिका में है। चुनाव के दौरान जनजाति सीटों पर भी भाजपा और कांग्रेस के बीच टक्कर बताई जा रही थी। जिसमें भाजपा का पलड़ा कमजोर बताया जा रहा था। लेकिन चुनाव परिणाम से साफ है कि जनजाति वर्ग ने भाजपा को जमकर वोट दिया है। छिंदवाड़ा लोकसभा सीट भाजपा के वंटी साहू ने 1 लाख 13 हजार 618 वोटों से कांग्रेस के नकुलनाथ से जीत ली है। इस क्षेत्र में जनजाति वोट बड़ी संख्या में है। खास बात यह है कि छिंदवाड़ा से गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े देवीराम भलावी ने 55988 वोट हासिल किए हैं। प्रदेश में लोकसभा चुनाव में भाजपा अनुसूचित जनजाति की 4 सीट मंडला, धार, रतलाम, खरगौन में कमजोर बताई जा रही थी। क्योंकि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को इन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति वर्ग की सीटें भाजपा की अपेक्षा ज्यादा मिली थीं। रतलाम लोकसभा क्षेत्र की 8 विधानसभा में से 3 सीटें कांग्रेस और एक सीट बाप को मिली। धार में 5 विधानसभा सीटें, खरगौन में भी लोकसभा क्षेत्र की 8 में से 5 विधानसभा सीटें कांग्रेस ने जीती थीं। यहीं वजह थी कि जनजाति सीटों पर लोकसभा चुनाव में भाजपा को कमजोर बताया गया। जबकि इस क्षेत्र की जनता ने भाजपा को जमकर वोट दिया। सभी सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी 1 लाख से ज्यादा के अंतराल से जीते।

आरक्षित सीटों पर भाजपा की जीत का अंतर
प्रदेश में पहली बार ऐसा हुआ है कि भाजपा को हर सीट मतदाताओं ने जमकर वोट दिया है। यह स्थिति अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग बहुल सीटों पर रही।  अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित शहडोल लोकसभा सीट पर हिमाद्री सिंह ने फुंदेलाल मार्को को 379340 वोट से हराया है। वहीं मंडला सीट पर फग्गन सिंह कुलस्ते ने ओंकार सिंह मरकाम को 103846, रतलाम सीट पर अनीता चौहान ने कालिलाल भूरिया को 207232, खरगौन सीट पर गजेन्द्र सिंह पटेल ने पोरलाल खरते को 135018, बैतून सीट पर दुर्गादास उइके ने रामू टेकाम को 379761 और धार सीट पर सावित्री ठाकुर ने राधेश्याम मुवेल को 218665 वोट से हराया है। वहीं अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित भिंड सीट पर संध्या राय ने फूल सिंह बरैया को 63293,टीकमगढ़ सीट पर वीरेन्द्र खटीक ने पंकज अहिरवार को 403312, देवास सीट पर महेन्द्र सोलंकी ने राजेन्द मालवीय को 425225, उज्जैन सीट पर अनिल फिरोजिया ने महेश परमार को 375860 वोट से हराया है।

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