अमेरिका की एक अदालत ने अपने रिश्तेदार को तीन साल से अधिक समय तक जबरदस्ती अपने गैस स्टेशन और सुविधा स्टोर पर काम कराने के आरोप में एक भारतीय दंपती को जेल की सजा सुनाई है। दरअसल, दंपती ने स्कूल में दाखिला दिलाने के बहाने से अपने रिश्तेदार को अमेरिका लेकर आया था। आरोपियों की पहचान 31 वर्षीय हरमनप्रीत सिंह और 43 वर्षीय कुलबीर कौर के तौर पर की गई है। जहां हरमनप्रीत सिंह को 135 महीने और कुलबीर कौर को 87 महीने की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही दोनों को पीड़ित को 1.87 करोड़ रुपये देने का आदेश भी दिया गया है। न्याय विभाग के नागरिक अधिकार प्रभाग के सहायक अटॉर्नी जनरल क्रिस्टन क्लार्क ने कहा कि आरोपी दंपती ने पीड़ित के साथ अपने संबंध का फायदा उठाते हुए उससे झूठे वादे कर उसे अमेरिका ले आए। उन्होंने आगे बताया कि आरोपियों ने पीड़ित के आव्रजन दस्तावेजों को जब्त कर लिया और न्यूनतम वेतन देकर उसे काम करने के लिए मजबूर किया। टॉर्नी जनरल क्रिस्टन क्लार्क ने कहा कि इस सजा से यह संदेश जाता है कि हमारे समुदाय में जबरन श्रम को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। न्याय विभाग ने बताया कि मुकदमें के दौरान पेश किए गए सबूतों से पता चलता है कि आरोपी हरमनप्रीत सिंह अपने रिश्तेदार और एक नाबालिग को स्कूल में दाखिला दिलाने का लालच देकर उन्हें अमेरिका लेकर आया। अमेरिका आने के बाद उसने अपने रिश्तेदार के आव्रजन दस्तावेज को जब्त करने के बाद उन्हें अपने स्टोर में तीन साल (2018 से 2021) के लिए जबरन काम करने को मजबूर किया।
पीड़ित से 12-17 घंटे काम करवाता था आरोपी
दोनों आरोपी अपने रिश्तेदार से स्टोर की साफ सफाई से लेकर खाना बनाना, स्टॉक करना और कैश रजिस्टर को संभालने का काम करवाता था। वह न्यूनतम वेतन पर पीड़ित से हर दिन 12-17 घंटे काम करवाता था। आरोपी ने कई दिनों तक पीड़ित को स्टोर के पीछे सोने के लिए छोड़ देता था। पीड़ित को भोजन भी समय से उपलब्ध नहीं कराया जाता था। इसी के साथ उसने अपने रिश्तेदार को शिक्षा में मदद करने से भी इनकार कर दिया था। हरमनप्रीत सिंह ने पीड़ित को कुलबीर कौर से शादी करने के लिए मजबूर किया। इस शादी का इस्तेमाल कर वह पीड़ित के परिवार की संपत्ती हड़पने की धमकी भी देता था। उसपर पीड़ित के बाल खींचकर मारने-पीटने का भी आरोप लगा है।