देहरादून। उत्तराखंड पैशंनरस समन्वय समीति के तत्वाधान मे राज्य के प्रमुख पैशनरस संगठनो के प्रतिनिधियो ने कमयूटेड पेंशन वसूली की अवधि 15 से घटाकर 11 साल किए जाने की मांग को लेकर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को दिया ज्ञापन। ब्याज दरे 12प्रतिशत से 8प्रतिशत होने के बावजूद पूर्वत 12प्रतिशत ब्याज दर के आधार पर ही जारी राशीकरण की वसूली को बताया अप्रासंगिक। समीति अध्यक्ष सुमन सिंह बल्दिया के नेतृत्व में समिति का शिष्टमण्डल मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से मिला। इसमे उत्तराखंड सचिवालय पेंशनर्स एसोसिएशन के अलावा सेवानिवृत्त राजकीय पेंशनर संगठन उत्तराखंड,गवर्नमेंट पेंशनर्स वेलफेयर संगठन उत्तराखंड, राजकीय पेंशनर्स परिषद उत्तराखंड, पेयजल निगम पेंशनर्स एसोसिएशन उत्तराखंड, पुलिस पेंशनर्स कल्याण समिति, वन विभाग सेवानिवृत अधिकारी कर्मचारी कल्याण समिति उत्तराखंड के प्रतिनिधि शामिल थे। मुलाकात में सुमन सिंह वलदिया ने मुख्यसचिव को बताया की राशिकरण पर अधिकतम ब्याज दर यदि 8% भी आकलित की जाए तो राशीकृत धनराशि की कटौती हेतु ब्याज सहित अवधि 10.8 वर्ष ही होती है।इसलिए उत्तराखंड मे काॅम्यूटेशन पॉलिसी में संशोधन औचित्य पूर्ण है।उन्होंने कहा पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा भी इस संबंध में अंतरिम आदेश जारी किए गए हैं तथा पांचवें छठे वेतन आयोग की सिफारिशो के अनुसार केरल,मध्य प्रदेश, उड़ीसा,राजस्थान,गुजरात आदि राज्य सरकारों ने भी कटौती की अवधि पहले से कम कर दी है। मुख्य सचिव ने शिष्टमण्डल को मांगों के संबंध में सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया है। शिष्टमण्डल में आरआर पैन्यूली, चौधरी ओमवीर सिंह, सुमन सिंह वलदिया, गणपत सिंह बिष्ट, दीपचंद शर्मा, दिनेश भंडारी, मधुसूदन शर्मा, सुशील त्यागी आदि शामिल थे।