कथावाचक प्रदीप मिश्रा का राधारानी पर विवादित बयान…ब्रज मंदिरों के सेवायतों में उबाल

श्री कृष्ण की प्रिय राधा रानी के बारे में कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा दिए गए विवादित बयान को लेकर विवाद बढ़ गया है। प्रदीप मिश्रा के विरोध में पूरे ब्रज के मंदिरों के सेवायत एकजुट हो गए हैं। बुधवार को ब्रज तीर्थ देवालय न्यास के संयोजन में एसएसपी को ज्ञापन सौंपकर रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग की। पिछले दिनों बरसाना में सेवायतों ने बैठक कर प्रदीप मिश्रा को माफी मांगने को सात दिन का समय दिया था, लेकिन उन्होंने माफी नहीं मांगी। कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने एक कथा के दौरान कहा कि राधारानी बरसाना की नहीं हैं, वह रावल की हैं। बरसाना में उनके पिता बृषभानु की वर्ष में एक बार कचहरी लगती थी। इसलिए वह वर्ष में एक बार यहां आती थीं। इसलिए इस स्थान का नाम बरसाना पड़ा। उन्होंने ये भी कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के साथ राधारानी का विवाह नहीं हुआ। उनका विवाह तो छाता के अनय घोष के साथ हुआ था। उनके इस कथन का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहा है। इसे लेकर संत-महंत और मंदिर के सेवायतों में जबरदस्त विरोध है। बुधवार को ब्रज तीर्थ देवालय न्यास के मृदुलकांत शास्त्री, आचार्य रमाकांत गोस्वामी, दाऊ जी मंदिर के रिसीवर रामकटोर पांडेय, किशोरी गोस्वामी, विनय त्रिपाठी, हरिमोहन गोस्वामी, कपिल चतुर्वेदी, मुनीष शर्मा, संजय दीक्षित, पूर्ण प्रकाश कौशिक आदि दो दर्जन से अधिक मंदिरों के सेवायत और गोस्वामी समाज के लोगों ने एसएसपी शैलेष कुमार पांडेय को शिकायती पत्र दिया। उन्होंने प्रदीप मिश्रा के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की। एसएसपी शैलेष कुमार पांडेय ने बताया कि जांच कराई जा रही है। जांच के बाद कार्रवाई होगी।

अयोध्या के संतों में भी आक्रोश 
वहीं, अयोध्या का संत समाज भी मुखर हो गया है। तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगत गुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि जिस तरह कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने बयान दिया है उससे पूरा संत समाज आहत है. जगत गुरु परमहंस आचार्य ने अल्टीमेटम देते हुए कहा कि 10 दिनों के अंदर प्रदीप मिश्रा देश के सभी साधु-संतों से माफी मांगे वरना उनकी कथा भारत में नहीं होने देंगे। तो वहीं राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि धार्मिक ग्रंथो के मुताबिक राधा रानी बरसाने की थी। शास्त्रों में इसका वर्णन भी है सब लोग जानते हैं कि राधा रानी का घर बरसाने में था। भगवान कृष्ण और राधा का संबंध शाश्वत है। 

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