दिल्ली चुनाव में कांग्रेस हुए इधर-उधर, अखिलेश यादव और ममता बनर्जी जोड़ा AAP से रिश्ता

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद राजधानी का सियासी पारा चढ़ने लगा है। ताजा खबर यह है कि कांग्रेस को अलग-थलग करने के लिए INDIA गठबंधन की दूसरी पार्टियां एक साथ आ गई हैं। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा है कि वह दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का समर्थन करेंगे और उनके समर्थन में अरविंद केजरीवाल के साथ मंच भी साझा करेंगे। इसी तरह पश्चिम बंगाल में टीएमसी नेता कुणाल घोष ने उम्मीद जताई है कि दिल्ली में एक बार फिर आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी।

अखिलेश खुलकर AAP के समर्थन में

अखिलेश यादव ने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी मजबूत स्थिति में है। आम आदमी पार्टी ही यहां बीजेपी को हरा सकती है। मैं आम आदमी पार्टी के लिए प्रचार करूंगा। अखिलेश यादव के खुलकर आम आदमी पार्टी के साथ आने के पीछे की रणनीति को लेकर भी कयासों का दौर शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि अखिलेश की नजर 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव पर है।

अखिलेश ने साफ संकेत दिए हैं कि अगले यूपी चुनाव में समाजवादी पार्टी फ्रंटफुट पर चुनाव लड़ेगी। यानी बड़े भाई की भूमिका में होगी। कांग्रेस के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अखिलेश ने कांग्रेस नेतृत्व को यह संदेश भी दिया है कि जिस तरह कांग्रेस का अपने मजबूत राज्यों में सहयोगियों के प्रति रवैया है, वैसा ही उसे अन्य राज्यों में भी झेलना पड़ेगा। 

अखिलेश के बयान पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया 

कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने अखिलेश यादव के बयान पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इस बार दिल्ली में समाजवादी पार्टी का वोट कांग्रेस को जाएगा। दिल्ली की जनता कांग्रेस को जिताने जा रही है, क्योंकि उन्हें शीला दीक्षित का समय याद आ रहा है। संदीप दीक्षित ने आगे कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन को लेकर सपा का रवैया चाहे जो भी हो, लेकिन दिल्ली में उसका ठोस वोट बैंक कांग्रेस के पास जाने वाला है। आम 

आदमी पार्टी की क्या है रणनीति

आम आदमी पार्टी का आरोप है कि दिल्ली में कांग्रेस केजरीवाल को हराने के लिए भाजपा के साथ मिलकर साजिश कर रही है। कांग्रेस ने ऐसे उम्मीदवार उतारे हैं, जिससे भाजपा को फायदा पहुंचे। पिछले कुछ दिनों में दिल्ली कांग्रेस के नेताओं द्वारा केजरीवाल और अन्य आप नेताओं पर की गई टिप्पणियों को लेकर भी नाराजगी है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री आतिशी और संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि अगर कांग्रेस अपने नेताओं पर लगाम नहीं लगाएगी तो वे गठबंधन के अन्य दलों से चर्चा कर कांग्रेस को गठबंधन से बाहर करने की मांग करेंगे।

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