प्रदेश कांग्रेस 29 लोकसभा सीटों पर प्रभारी बनाकर ब्लाक स्तर तक भेजेगी बड़े नेताओं को
भोपाल । प्रदेश में सफाया होने के बाद अब कांग्रेस मंथन के जरिए अपना संगठन मजबूत करने की पहली सीढ़ी चढऩे जा रही है। 15 जून से शुरू हो रहे मंथन कार्यक्रम के तहत सभी 29 लोकसभा सीटों पर वरिष्ठ नेताओं को प्रभारी बनाकर भेजा जाएगा, जो ब्लाक स्तर पर कांग्रेस की स्थिति पर बात करेंगे और स्थानीय नेताओं तथा नीचे के पदाधिकारियों से चर्चा कर अपनी रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी को देंगे। 36 दिनों का यह कार्यक्रम तैयार किया गया है।
प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी को आलाकमान से फ्री हैंड मिलने के बाद अब प्रदेश में कांग्रेस संगठन को पूरी तरह से बदलने की कवायद शुरू की गई है। फिलहाल पटवारी मोर्चा-संगठनों की बैठकें लेकर उनके द्वारा लोकसभा चुनाव में क्या काम किया है, उसको लेकर जानकारी ले रहे हैं। कल महिला कांग्रेस की समीक्षा बैठक रखी गई थी। इसके साथ ही प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों पर 29 नेताओं को प्रभारी बनाए जाने की तैयारी चल रही है। पार्टी ने लोकसभा चुनाव के पहले ही मंथन कार्यक्रम चलाने की घोषणा की थी, जिसमें संगठन की मजबूती को लेकर वरिष्ठ नेताओं से जानकारी भी ली जाएगी। 29 वरिष्ठ नेताओं की सूची बनाने का काम अंतिम दौर में है। सभी वरिष्ठ नेता 36 दिनों के बाद उनके प्रभार वाले लोकसभा क्षेत्रों की जानकारी प्रदेश अध्यक्ष को सौंपेंगे और फिर उसी रिपोर्ट के आधार पर तय होगा कि किसका डिमोशन किया जाए और किसका प्रमोशन। इसके बाद पूरी कार्यकारिणी भंग करने की भी संभावना है।
क्या होगा मंथन के तहत
मंथन कार्यक्रम में जिन्हें प्रभारी बनाया जाएगा वे 15 जून से अपने-अपने प्रभार वाले क्षेत्र में जाएंगे और वहां ब्लाक स्तर पर मीटिंग लेंगे। संगठन को कैसे मजबूत किया जाए, इसको लेकर वहां के स्थानीय नेताओं से भी चर्चा करेंगे। एक तरह से यह कांग्रेस संगठन का रिव्यू होगा। चुनाव में कांग्रेस नेताओं की भूमिका कैसी रही, इसको लेकर भी चर्चा होगी। कांग्रेस के युवा नेता क्या चाहते हैं, ये भी जानकारी प्रभारी इक_ा करेंगे। पटवारी ने इशारा किया है कि तब तक प्रदेश कांग्रेस में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
सभी मोर्चा-संगठनों की भी समीक्षा
कांग्रेस में मोर्चा-संगठनों की भी एक लंबी सूची है, लेकिन काम के वक्त वे नजर नहीं आते हैं। कांग्रेस का छात्रों का संगठन भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन, युवाओं के लिए युवक कांग्रेस, महिलाओं के लिए महिला कांग्रेस, अजा और अजजा के अलग-अलग संगठन तथा पिछड़ा वर्ग के साथ-साथ कुछ मोर्चा-संगठन भी बनाए गए हैं। इनकी संख्या 3 दर्जन से अधिक है। प्रदेश संगठन को शिकायत मिली है कि इनमें से अधिकांश पोस्ट लेकर घर बैठे हुए हैं और कांग्रेस के लिए काम नहीं करते हैं।
मंथन से क्या निकलेगा अमृत या विष?
कांग्रेस पहली बार अपने संगठन का मंथन कर रही है। इस मंथन को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि इस मंथन से आखिर क्या निकलेगा। समुद्र-मंथन में अमृत और विष निकला था और कांग्रेस के इस मंथन में अमृत कम विष जरूर निकलेगा, क्योंकि लगातार जिस तरह से कांग्रेस का जनाधार खिसकता जा रहा है, उसमें राजनीतिक मठाधीशों द्वारा अपनी चलाना, संगठन पर ध्यान नहीं देना, युवाओं को आगे नहीं लाना, निष्क्रिय रहना जैसी शिकायतें आएंगी। वहीं जो नेता कांग्रेस छोडक़र गए हैं, उनके खिलाफ भी कार्यकर्ताओं में विष भरा हुआ है, जो मंथन के दौरान बाहर आ सकता है।