भोपाल । मध्य प्रदेश कांग्रेस के खाते में एक और हार जुड़ गई। दिग्गज नेताओं के दौरे के बाद भी अमरवाड़ा विधानसभा उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा। प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व सीएम कमलनाथ, पूर्व सांसद नकुलनाथ समेत कई नेताओं ने प्रचार किया था। 29 लोकसभा सीटों पर हार के बाद भी वापसी नहीं कर सकी। वहीं कांग्रेस ने हार का ठीकरा प्रशासन पर फोड़ा है। पीसीसा चीफ जीतू पटवारी ने इसे पैसे और प्रशासन की जीत पताई है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने अमरवाड़ा उपचुनाव को लेकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि अमरवाड़ा उपचुनाव के जो परिणाम आये हैं वह लोकप्रियता और लोकतंत्र की स्वस्थ परंपराओं पर प्रबंधन मैनेजमेंट की विजय है। दलबदलुओं द्वारा राजनैतिक प्रतिबद्धता और विचारों की प्रक्रिया को अमरवाड़ा के मतदाता नियंत्रित करना चाहते थे, किंतु शासन, सत्ता और पैसे के भीषण दुरूपयोग के बावजूद भी इतने कम वोटों का अंतर भाजपा की नैतिक पराजय है। भाजपा ने जिस तरीके से सत्ता, शासन और धनबल का दुरूपयोग कर चुनाव जीता है वह दुर्भाग्यजनक है।
कांग्रेस की पराजय का मुख्य कारण मतों का विभाजन
पटवारी ने कहा कि कांग्रेस की पराजय का मुख्य कारण मतों का विभाजन है। अमरवाड़ा में गौड़वाना गणतंत्र पार्टी के प्रत्याशी को भाजपा ने ही एक सोची समझी साजिश के तहत खड़ा किया था ताकि कांग्रेस के मतों को प्रभावित किया जा सके और गौड़वाना गणतंत्र पार्टी को वहां 28000 वोट मिले। पटवारी ने अमरवाड़ा के चुनाव परिणाम को शिरोधार्य करते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं और मतदाताओं का आभार व्यक्त किया और कहा कि अमरवाड़ा में कांग्रेस पार्टी चुनाव जीत रही थी, लेकिन भाजपा ने शासन, प्रशासन का दुरूपयोग कर लोकतंत्र पर बड़ा प्रहार किया है।
पीसीसी चीफ ने कार्यकर्ताओं का बढ़ाया मनोबल
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा कि कार्यकर्ता निराश न हो हम चुनाव हारे नहीं हैं। भाजपा सत्ता, प्रशासन और धनबल पर चुनाव जीती है। इससे हमें सबक मिला है और आगे सीखने को मिला है। निकट भविष्य में बुधनी, बीना और विजयपुर में भी उपचुनाव होना है हम और अधिक ताकत और एकजुटता के साथ चुनाव मैदान में उतरेंगे और क्षे,त्र की जनता के साथ मिलकर भाजपा को सबक सिखायेंगे।