मौन व्रत टूट छतरपुर की घटना के तीन दिन बाद एक्शन मोड में आई कांग्रेस

छतरपुर  ।   घटना के तीन दिन बाद कांग्रेस एक्शन मोड में आई है. अपने ही कार्यकर्ता के साथ हुई इस घटना के बाद प्रदेश कांग्रेस के आला नेता तीन दिन तक मूकदर्शक बने रहे जब इस मामले में राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी और भोपाल से मध्य  विधायक आरिफ मसूद , उत्तर विधायक आतिफ़ अक़ील ने मोर्चा संभाला और प्रशासन द्वारा कांग्रेस कार्यकर्ता शहज़ाद खान का घर और गाड़ियों को तोड़ने की इस घटना को अन्याय पूर्ण बताया तब  जाकर अन्याय के खिलाफ खड़े होने वाले  और मज़लूमों की आवाज बुलंद करने का दम भरने वाले प्रदेश कांग्रेस के आला नेताओं की नींद खुली इसके बाद प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, पूर्व मंत्री मुकेश नायक, पूर्व मंत्री पीपी शर्मा उत्तर विधायक आतिफ़ अक़ील जिला अध्यक्ष प्रवीण सक्सेना पार्षद गुड्डू चौहान  सहित कई कांग्रेसी नेता डीजीपी से मिलने पुलिस मुख्यालय पहुँचे लेकिन उनकी मुलाकात डीजीपी से नहीं हो सकी कांग्रेसी नेताओं ने वहां मौजूद डीजीपी के पीएसओ टू डीआईजी विनीत कपूर से मुलाकात कर नाराजगी जताई और कहां की प्रदेश कांग्रेस के शीश नेता डीजीपी'सहाब से मुलाकात करने आए हैं लेकिन डीजीपी साहब को मिलने का समय ही नहीं है वही प्रतिनिधिमंडल ने श्री कपूर को इस मामले में डीजीपी के नाम एक लिखित ज्ञापन सौंपा। वही छतरपुर में हाजी शहज़ाद के घर पर प्रशासन द्वारा बुलडोज़र चलाने की घटना को लेकर राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने सवाल किया है कि एक नागरिक की बात न सुनना और उसे अपराधी घोषित करके उसका घर, गाड़िया सब तोड़ देना क्या ये क़ानून सम्मत है। इसके बाद तो मानो जैसे सभी कांग्रेसी जाग गए हों तुरंत ही इस मामले में दिग्विजय सिंह ने भी छतरपुर की घटना पर अपना बयान जारी करते हुए कहा कि कानून और संविधान से ऊपर हो गए हैं भाजपा नेता।

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