शहडोल : कमिश्नर शहडोल संभाग बीएस जामोद एवं एडीजीपी शहडोल जोन डीसी सागर ने रविवार को शहडोल नगर मे नगर वासियों को भारतीय दंड संहिता के नए बदलाव के बारे में जानकारी देने हेतु फ्लैग मार्च निकाला। फ्लैग मार्च के दौरान कमिश्नर ने नगर वासियों को बताया कि भारत सरकार ने भारतीय दंड संहिता, सीआरपीसी एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम इन नियमों में संशोधन कर नए प्रकार के कानून बनाए गए है जो कि 1 जुलाई 2024 से लागू हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि अब भारतीय दंड संहिता जो कि भारतीय न्याय संहिता कहलाएगी। सीआरपीसी, अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता कहलाएगी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम यह तीनों अधिनियम कल से नए स्वरूप में लागू हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि जो पुराने कानून थे वह अंग्रेजों के आधार पर बने थे। जो की हमारे देश के नागरिकों के हित में कम थे। उन्होंने बताया कि अब जो नए कानून बनाए गए हैं उनमें हमारे भारतीय नागरिकों के हित की दृष्टि से भारत सरकार ने पूरे मंथन के साथ संशोधन किया है।
उन्होंने नागरिकों को उदाहरण देते हुए बताया कि जैसे पहले पुलिस थाना में रिपोर्ट दर्ज कराने जाते थे तो कई बार ऐसा होता था कि हमने बयान कुछ और दिया है और पुलिस ने कुछ और बयान लिखा है।लेकिन अब नए प्रावधानों में हम जो रिपोर्ट दर्ज करवाने जाएंगे तो उसका पूरा वीडियो रिकॉर्ड किया जाएगा और आपके बयान के अनुसार रिपोर्ट दर्ज की जाएगी। कमिश्नर ने नगर वासियों को बताया कि कई बार ऐसा पाया जाता है कि आप रिपोर्ट दर्ज करने जाते हैं और उस रिपोर्ट की क्या कार्यवाही हुई, इसकी कुछ जानकारी ही नहीं मिलती थी। लेकिन अब नए प्रावधान के अनुसार आपको रिपोर्ट दर्ज करने के 90 दिन में पुलिस आपको आपके केस की जानकारी उपलब्ध कराएगी। फ्लैग मार्च के दौरान कलेक्टर तरूण भटनागर ने भी नागरिकों को कानूनों में हुए नए बदलाव के बारे में जानकारी दी। उन्होंने नागरिकों को बताया कि जो बदलाव हुए हैं वे आम नागरिकों के हित में और न्याय के हित में बदलाव किए गए है। उन्होने बताया कि ऑनलाईन के माध्यम से पुलिस में एफआईआर भी दर्ज करा सकते हैं, जिसकी नियमानुसार कार्यवाही भी की जाएगी। उन्होनें बताया कि जो न्यायालयों में केस चलते हैं उन प्रकरणों का भी समय सीमा में निराकरण करने का प्रावधान है। फ्लैग मार्च के दौरान डीआईजी सविता सोहाने, सहित पुलिस बल भी साथ रहे।