देहरादून। राज्य में हो रही मूसलाधार बारिश से लोगों का जनजीवन अस्त—व्यस्त हो गया है। राज्य का कुमाऊँ मंडल इस बारिश से सर्वाधिक प्रभावित हुआ है। बागेश्वर, चंपावत, उधमसिंहनगर व नैनीताल में भारी बारिश के कारण जहां रिहायशी इलाकों में जल भराव से लोगों की जान पर बन आयी है, वहीं तराई और भावर का 80 किलोमीटर क्षेत्र का दायरा जलमग्न होने से बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। जिससे फसलों को भारी नुकसान हुआ है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज इस सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र का हवाई दौरा कर स्थिति का जायजा लिया वही वह हल्द्वानी व नैनीताल के कुछ हिस्सों में सड़क मार्ग से भी पहुंचे और हालात की जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को जल्द सुरक्षित क्षेत्रों में पहुंचाएं व उनके रहने खाने की व्यवस्था करें। सीएम ने कहा कि बीते तीन—चार दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण टनकपुर, नानकमत्ता, सितारगंज व खटीमा क्षेत्र में हालत बहुत ज्यादा खराब है। सीएम के गांव व घर के नजदीक की बस्ती तक पानी पहुंच चुका है। बीते 24 घंटों में हल्द्वानी में सर्वाधिक 206 एमएम बारिश रिकार्ड की गई है।
आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन का कहना है कि 24 घंटे बचाव राहत कार्य जारी है। टनकपुर में बीती रात 20—25 लोगों का रेस्क्यू कर एनडीआरएफ ने सुरक्षित निकाला अब तक 100 से अधिक लोगों को सुरक्षित बचाया गया है। उधर कुमाऊं कमिश्नर और डीआईजी भी प्रभावित क्षेत्रों में डटे हुए हैं। खास बात यह है कि पहाड़ में हो रही इस बारिश का असर अब हरिद्वार के निचले क्षेत्रों में खानपुर व लक्सर में ही नहीं दिख रहा है पीलीभीत, बरेली व मुरादाबाद तक इसका असर दिखने लगा है अगर बारिश का सिलसिला यूं ही जारी रहा तो आने वाले समय में मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं। उधर राज्य में भूस्खलन के कारण सड़कों के बाधित होने का सिलसिला भी जारी है। जिससे बचाव राहत कार्य में बाधा आ रही है।