अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी से चीन को होगा नुकसान, भारत पर क्या असर पड़ेगा?…

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ऐतिहासिक जीत के बाद डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में दूसरी पारी का आगाज आगामी 13 नवंबर को सत्ता हस्तांतरण के बाद शुरू हो जाएगा।

ट्रंप की नई पारी में अमेरिका और भारत के बीच संबंध और सुधरेंगे या खराब होंगे, इस पर चर्चा शुरू हो गई है।

मूडीज की रिपोर्ट बताती है कि दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क में सत्ता के बदलाव से भारत की अर्थव्यवस्था को काफी लाभ हो सकता है। रेटिंग एजेंसी का यह भी मानना है कि ट्रंप का आना अमेरिका-चीन के बीच तनाव और बढ़ा सकता है।

रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद चीन से व्यापार और निवेश प्रवाह दूर हो सकता है लेकिन भारत और आसियान देशों को इस बदलाव का फायदा हो सकता है।

मूडीज रेटिंग्स ने एक टिप्पणी में कहा कि ट्रंप के अगला राष्ट्रपति चुने जाने के बाद अमेरिका की मौजूदा नीतियों में बदलाव आने की उम्मीद है।

ट्रंप प्रशासन में बड़े राजकोषीय घाटे, संरक्षणवादी व्यापारिक कदमों, जलवायु-उपायों में गतिरोध, आव्रजन पर सख्त रुख और नियमों में ढील देने की उम्मीद है।

अपने चुनावी अभियान के दौरान, ट्रंप ने 2017 के कर कटौती और रोजगार अधिनियम को स्थायी बनाकर, कॉर्पोरेट कर दरों में कटौती करके और आयकर में राहत प्रदान करके कर सुधार को आगे बढ़ाने के अपने इरादे का संकेत दिया था।

मूडीज के मुताबिक, ट्रंप दूसरी बार राष्ट्रपति बनने पर अधिक आक्रामक आव्रजन नीतियों को आगे बढ़ा सकते हैं। हालांकि इस सख्ती से कृषि, खुदरा, आतिथ्य, निर्माण और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में श्रमिकों की कमी हो सकती है।

चीन को नुकसान, भारत को फायदा

मूडीज ने ट्रंप की विदेश नीति के बारे में कहा कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में व्यापार और निवेश प्रवाह चीन से दूर जा सकता है क्योंकि अमेरिका रणनीतिक क्षेत्रों में निवेश को सख्त कर रहा है।

रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘‘अमेरिकी नीति में इस बदलाव से भारत और आसियान देशों को लाभ हो सकता है। अमेरिका-चीन के बीच निरंतर ध्रुवीकरण से क्षेत्र में भू-राजनीतिक विभाजन बढ़ने का भी खतरा है जो सेमीकंडक्टर की वैश्विक आपूर्ति में खलल डाल सकता है।’’

जलवायु नीति पर क्या असर

जलवायु नीति के संबंध में, इसमें बदलाव की उम्मीद है, क्योंकि ट्रंप “अमेरिकी ऊर्जा प्रभुत्व” के बैनर तले जीवाश्म ईंधन उत्पादन में वृद्धि की वकालत कर रहे हैं। इसमें कहा गया है, “ट्रंप प्रशासन संभवतः पेरिस समझौते से फिर से हट सकता है और 2050 तक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को शून्य करने की प्रतिबद्धताओं को पलट देगा।”

कमला हैरिस पर धमाकेदार जीत

अमेरिकी समाचार चैनलों के अनुसार, राष्ट्रपति चुनाव में एरिजोना की जीत से नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के इलेक्टोरल वोटों की संख्या 312 हो गई है, जो बहुमत के जादुई आंकड़े के लिए आवश्यक 270 से कहीं अधिक है।

वहीं, डेमोक्रेटिक उपराष्ट्रपति कमला हैरिस 226 वोटों के साथ काफी पीछे रह गईं।

The post अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी से चीन को होगा नुकसान, भारत पर क्या असर पड़ेगा?… appeared first on .

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *