रायपुर
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आगामी खरीफ सीजन के मद्देनजर सोसायटियो में पर्याप्त मात्रा में खाद बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये है। मुख्यमंत्री ने कृषि एवं सहकारिता विभाग के अधिकारियों को मानक स्तर के खाद-बीज का भंडारण एवं उठाव की स्थिति पर निरंतर निगरानी रखने को कहा है। उन्होंने आगामी 15 जून तक किसानों को उनकी डिमांड के आधार पर गुणवत्तापूर्ण खाद-बीज प्रदाय किये जाने की व्यवस्था सोसायटियों के माध्यम से करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि किसानों को खाद-बीज के लिए किसी भी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े, इस संबंध में पहले से ही पर्याप्त व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने सोसायटियों में खाद-बीज के भंडारण और वितरण में लापरवाही बरतने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही के भी निर्देश दिये है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अपने खेती-किसानी के दीर्घ अनुभव के आधार पर कहा है कि खरीफ सीजन में किसान भाईयों द्वारा डी.ए.पी. खाद की मांग ज्यादा की जाती है। इसको ध्यान में रखते हुए डी.ए.पी. खाद की मांग और सप्लाई पर विशेष निगरानी रखी जानी चाहिए। उन्होंने खाद-बीज की गुणवत्ता को लेकर भी सेंम्पलिंग एवं प्रयोगशाला के माध्यम से जांच का विशेष अभियान संचालित किया जाए। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को अपने-अपने इलाके में खाद-बीज की मांग, भंडारण, उठाव एवं गुणवत्ता की मांनिटरिंग के निर्देश दिये है।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने जानकारी दी है कि खरीफ सीजन 2024-25 के लिए राज्य में 13.68 लाख मैट्रिक टन उर्वरकों की मांग के विरूद्ध तक 9.13 लाख मैट्रिक टन उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली गयी है, जो मांग का 67 प्रतिशत है। सोसायटियों से किसानों को खाद-बीज का लगातार वितरण जारी है। राज्य में खाद-बीज की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए जांच-पड़ताल एवं नमूने लिये जाने की कार्यवाही जारी है। रासायनिक उर्वरकों एवं जैव उर्वरकें के गुण नियंत्रण के लिए 1067 नमूने लिये गए है, जिनकी जांच गुण नियंत्रक प्रयोगशाला में करायी जा रही है। सोसायटियों में विभिन्न खरीफ फसलों के बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। खरीफ सीजन 2024-25 में 5 लाख 59 हजार 203 क्विंटल बीज की मांग के विरूद्ध 6 लाख 39 हजार 4 क्विंटल बीज की उपलब्ध है, जो कि मांग का 114 प्रतिशत है। सोसायटियों से किसान लगातार बीज का उठाव कर रहे है। अब तक 03 लाख 75 हजार क्विंटल बीज का उठाव किसानों ने किया है, जो कि बीज की डिमांड का 67 प्रतिशत है।