इंदौर । इंदौर में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जिन चार ब्रिजों का लोकार्पण किया, उनमें से दो ब्रिज ट्रैफिक के लिए सुबह अफसर खोलना भूल गए। जब सोशल मीडिया पर मैसेज चले तो फिर बेरिकेड हटाकर उन्हें ट्रैफिक के लिए खोला गया। जो दो ब्रिज अधूरे खुले है, उन पर सूचनाएं भी नहीं लगाई गई, इस कारण वाहन चालकों को भी परेशानी हुई। शहर में सोमवार को लोकार्पण समारोह के बाद भंवरकुआ और खजराना ब्रिज पर रात में ही आवागमन शुरू हो गया था,लेकिन फूठी कोठी और लवकुश चौराहा ब्रिज को सुबह यातायात के लिए खोला गया। इस ब्रिज के मध्य हिस्से में समारोह के लिए टेंट लगाया गया था, वह दोपहर एक बजे तक नहीं खोला गया था। इस कारण ट्रैफिक के लिए ब्रिज खोलने में अफसरों ने देरी की। बाद में एक गार्ड को लाल झंडी लेकर टेंट के पास तैनात किया गया। फूटी कोठी ब्रिज की एप्रोच रोड पर भी बेरिकेड नहीं हटाए गए थे। इस कार सुबह दस बजे तक चार पहिया वाहन ब्रिज से नहीं गुजर सके। दोपहर में ब्रिज को ट्रैफिक के लिए खोला गया।
अगले सप्ताह राऊ ब्रिज भी खुल सकता है ट्रैफिक के लिए
आगरा-मुबंई राष्ट्रीय राजमार्ग के राऊ सर्कल पर बने ब्रिज का लोड टेस्ट शुरू हो गया है। जो चार दिनों तक चलेगा। इसके बाद ब्रिज ट्रैफिक के लिए खोला जा सकता है। इस ब्रिज के निर्माण के दौरान राऊ सर्कल का ट्रैफिक काफी अस्त व्यस्त रहा और यह इंदौर का सबसे बड़ा ब्लैक स्पाॅट भी बन गया था। यहां सालभर में 9 मौतें हो चुकी है। ब्रिज से ट्रैैफिक शुरू होने के बाद भारी वाहन ब्रिज से देवास की तरफ आ जा सकेंगे।