भोपाल । मध्य प्रदेश सरकार ने भी पुलिस और सशस्त्र बलों की भर्ती में अग्निवीरों को आरक्षण देने का फैसला किया है। कारगिल विजय दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों से अपील की थी कि अपने यहां पुलिस और सशस्त्र बलों की भर्ती में अग्निवीरों को आरक्षण दें। इस पर अनुसरण करते हुए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी पुलिस और पीएसी में अग्निवीरों को प्राथमिकता देने का फैसला किया है। अभी तक मध्य प्रदेश में यह स्पष्ट नहीं है कि आरक्षण कितना होगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को कारगिल विजय दिवस के अवसर पर कहा कि सरकार अग्निवीरों को सरकारी नौकरी में आरक्षण देगी। उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि मध्य प्रदेश सरकार कारगिल दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की मंशानुसार निर्णय करती है कि हमारे यहां विभिन्न प्रकार की पुलिस, सशस्त्र बलों की भर्ती में अग्निवीरों जवानों को आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। अग्निवीर जवानों की योजना सच्चे अर्थों में सेना के आधुनिकरण के साथ-साथ योग्य सैनिकों की भर्ती के अलावा वैश्विक स्तर पर सेना को युवा बनाने की योजना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कारगिल दिवस पर जो संकल्प लिया है, उसका पूर्णत: अनुसरण करते हुए प्रदेश सरकार उनकी भावनाओं के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेगी।
अग्निवीरों को लेकर मोदी ने कही थी यह बात
कारगिल विजय दिवस पर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक पर नायकों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि अग्निपथ योजना से देश की ताकत बढ़ेगी और देश का सामर्थ्यवान युवा भी मातृभूमि की सेवा के लिए आगे आएगा… मैं हैरान हूं कि कुछ लोगों की समझ को क्या हुआ है, उनकी सोच को क्या हो चुका है। ऐसा भ्रम फैला रहे हैं कि सरकार पेंशन के पैसे बचाने के लिए ये योजना लेकर आई है। मैं पूछना चाहता हूं कि मोदी सरकार के शासनकाल में जो भर्ती होगा क्या उसे आज ही पेंशन देनी होगी? उसे पेंशन देने की नौबत 30 साल में आएगी और तब तो मोदी 105 साल का हो चुका होगा। मेरे लिए 'दल' नहीं 'देश' सर्वोपरि है। अग्निपथ का लक्ष्य सेना को युवा बनाना, निरंतर योग्य बनाना है। सेना को लोगों ने राजनीति का अखाड़ा बनाया। अग्निपथ का लक्ष्य सेनाओं को युद्ध के लिए योग्य बनाए रखना है।
बीएसएफ और सीआईएसएफ में 10 प्रतिशत आरक्षण
दो दिन पहले ही केंद्र सरकार ने बीएसएफ और सीआईएसएफ में अग्निवीरों को दस प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की है। इस संबंध में फैसला दो हफ्ते पहले हो गया था। औपचारिक घोषणा बुधवार को हुई है।
अग्निपथ स्कीम क्या है?
अग्निपथ योजना में चार साल के अनुबंध पर सेना, नौसेना और वायुसेना में भर्ती किया जा रहा है। इन्हें ही अग्निवीर नाम दिया गया है। छह महीने की ट्रेनिंग के बाद तैनाती होती है। अग्निवीरों को प्रतिमाह 30 से 40 हजार रुपये वेतन दिया जाता है। उनके लिए सेवा निधि अंशदायी पैकेज भी बनाया गया है। इसमें मासिक वेतन का 30 प्रतिशत योगदान अग्निवीर करते हैं और उतनी ही राशि केंद्र सरकार मिलाती है। चार साल खत्म होने के बाद एकमुश्त राशि उन्हें दी जाती है।
चार साल की नौकरी के बाद नहीं होंगे बेरोजगार
केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को लेकर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल सवाल उठाते रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल तो स्थायी नौकरी से जुड़ा हुआ है। चार साल बाद अग्निवीर क्या करेंगे? इसके जवाब के तौर पर ही केंद्र सरकार ने अग्निवीरों के लिए बीएसएफ और सीआईएसएफ के रास्ते खोले हैं। अब अग्निवीरों के सामने अपने राज्यों की पुलिस या सशस्त्र बलों में शामिल होने का विकल्प भी होगा। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश ने तो इसके लिए आरक्षण का एलान कर ही दिया है। अन्य राज्य भी जल्द ही फैसला ले सकते हैं। इससे अग्निपथ योजना को आकर्षित बनाने में मदद मिलेगी।