यमुना के घाटों पर नहीं होगी छठ पूजा 

नई दिल्ली । पानी दूषित होने के चलते यमुना के घाटों पर इस बार छठ पूजा नहीं होगी। गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने यमुना के घाटों पर छठ पूजा की इजाजत देने से साफ इंकार कर दिया। बता दें कि दिल्ली सरकार ने छठ पूजा की इजाजत मांगने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर हाई कोर्ट ने कोई भी दिशानिर्देश देने से इंकार किया है। सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कोर्ट से कहा कि हमने छठ पूजा के लिए पर्याप्त इंतजाम किए हैं। दिल्ली सरकार ने कहा कि पूरी दिल्ली में हजार से ज़्यादा जगहों पर छठ पूजा आयोजित करने की व्यवस्था की गई है। इनमें से कुछ यमुना नदी की मूल धारा के घाटों के पास है। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि हम देख रहे हैं कि यमुना की हालत ऐसी नहीं है कि उसके अंदर जाकर पूजा की जाए। बीते दिनों एक व्यक्ति ने यमुना में डुबकी लगाई थी तो दो दिन अस्पताल में आईसीयू में भर्ती होना पड़ा था। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि आपको यमुना के पानी की खराब स्थिति के बारे में पता है फिर भी आप पूजा के लिए यमुना के पानी में जाने की मांग कर रहे हैं। हम एक दिन में यमुना साफ नहीं कर सकते, लेकिन आप यमुना की सफाई चाहते हैं तो आप यमुना की सफाई को आधार बनाकर याचिका दाखिल करें। तब हम उस पर सुनवाई करेंगे। सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि अगर आप खुद यमुना के घाट को साफ कर सकते हैं तो साफ करिए। याचिकाकर्ता ने कहा कि मान्यताओं के अनुसार, छठ पूजा का अनुष्ठान नदी के बहते पानी में किया जाता है, टब या किसी स्विमिंग पूल में पूजा नहीं की जाती। हथनीकुंड बैराज से पानी जारी किया जाए ताकि पानी साफ हो सके। लोग दिल्ली से अपने गांव घर जा रहे हैं ताकि वह वहां स्वच्छ जल धारा में छठ पूजा कर सकें। याचिकाकर्ता ने पीठ से कहा कि भयंकर प्रदूषण की वजह से घाट पर छठ पूजा करने पर रोक लगाई गई है। अगर कोई यमुना में गया तो उसकी सेहत पर बहुत खराब असर पड़ सकता है। इसीलिए यमुना के घाट पर छठ पूजा की इजाजत नहीं दी सकती।

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