रायपुर। प्रदेश में धान खरीदी की धीमी रफ्तार को लेकर सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने सरकार की अव्यवस्था पर निशाना साधते हुए कहा कि अब तक 289,000 किसानों से मात्र 13.48 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी गई है। यह सरकार की धान खरीदी योजना की नाकामी और किसानों के प्रति उदासीनता को दर्शाता है।
50% बारदाना की मांग पर विवाद
प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि धान बेचने आए किसानों को बारदाना की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। सरकार की ओर से गांवों में मुनादी कराई जा रही है कि किसान 50% बारदाना खुद उपलब्ध कराएं। कई किसानों का टोकन कट चुका है, लेकिन बारदाना की अनुपलब्धता के कारण वे अपना धान बेच नहीं पा रहे हैं।
160 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य कैसे होगा पूरा?
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि 27.68 लाख किसानों से धान खरीदी का लक्ष्य तब तक पूरा नहीं हो सकता, जब तक प्रतिदिन 60,000 से अधिक किसानों से 4 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी न की जाए। मौजूदा गति को देखते हुए यह लक्ष्य पूरा करना असंभव नजर आ रहा है। ठाकुर ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों को 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने के अपने वादे से बचने के लिए संकट खड़ा कर रही है। गिरदावरी और अनावरी रिपोर्ट में गड़बड़ी, बारदाना संकट, और कस्टम मिलिंग की रुकावटें इस बात की ओर इशारा करती हैं कि सरकार किसानों के धान खरीदने में टालमटोल कर रही है।
मिलर्स भी नाराज
उन्होंने कहा कि मिलर्स कस्टम मिलिंग नहीं कर रहे हैं, जिससे खरीदी केंद्रों में धान डंप हो सकता है। इससे सरकार के पास धान खरीदने से बचने का बहाना तैयार हो जाएगा। धनंजय सिंह ठाकुर ने मांग की कि सरकार धान खरीदी प्रक्रिया को तेज करे, सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करे और कस्टम मिलिंग तुरंत शुरू करे। उन्होंने कहा कि किसान अपनी मेहनत की उपज को बेचने के लिए भटकने को मजबूर हैं, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।