Champions Trophy 2025: चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन अगले साल फरवरी-मार्च के महीने होना है, लेकिन ये टूर्नामेंट किस देश में खेला जाएगा, इसके बारे में अभी तक कुछ भी तय नहीं हुआ है। इस टूर्नामेंट की मेजबानी पाकिस्तान के पास है, लेकिन बीसीसीआई ने भारतीय टीम के पाकिस्तान जाने से साफ इनकार कर रखा है।
बीसीसीआई का कहना है कि टूर्नामेंट हाइब्रिड मॉडल पर हो, लेकिन पीसीबी इस बात के लिए राजी नहीं हैं। पीसीबी ने हाइब्रिड मॉडल को अपनाने के लिए भारत के आगे डिमांड रखी है।
पीसीबी का कहना है कि चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी वह तभी स्वीकार करेंगे जब बोर्ड इस बात पर सहमत हो कि फ्यूचर में सभी आईसीसी टूर्नामेंट इसी प्रणाली के आधार पर होंगे और पाकिस्तान अपने मैच खेलने के लिए भारत नहीं जाएगा, उसमें ये कहा गया है कि पीसीबी की ये डिमांड रद्द होने वाली है। आज यानी 5 नवंबर को आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी को लेकर बहुप्रतीक्षित बैठक है, जिसमें हाइब्रिड मॉडल को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) द्वारा स्वीकार किए जाने की पूरी तैयारी है।
Champions Trophy 2025 के लिए आज ICC की बोर्ड मीटिंग
दरअसल, ICC बोर्ड की बैठक में चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की मेजबानी को लेकर सभी विवाद खत्म हो सकते हैं। बैठक यूएई समय के अनुसार दोपहर 3:30 बजे (भारतीय समय शाम 5 बजे) होगी और आईसीसी के नए अध्यक्ष जय शाह इसकी अध्यक्षता करेंगे।
Champions Trophy 2025: यूएई में खेले जा सकते हैं मैच?
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को Champions Trophy 2025 की मेजबानी के लिए दूसरे स्थान के रूप में चुना जा सकता है, जहां भारत के सभी तीन लीग मैचों और दो नॉकआउट मैचों। यूएई एक सेमीफाइनल और फाइनल की मेजबान भी करेगा। पीसीबी ने कथित तौर पर पांच मैचों को स्थानांतरित करने के लिए मुआवजे की मांग की है और इस मांग का विरोध होने की उम्मीदें नहीं है।
वहीं, पीसीबी ने जोर देकर कहा कि आईसीसी को उनके, भारत और एक और देश को शामिल करते हुए एक ट्राई सारीज खिलानी चाहिए, लेकिन आईसीसी और बीसीसीआई इस विचार का विरोध कर रहे हैं और उम्मीद है कि इसे आज मीटिंग में खारिज कर दिया जाएगा।
पीसीबी की एक और मांग थी कि भारत और पाकिस्तान को एक ही ग्रुप में न रखा जाए ताकि पाकिस्तान अपने सभी लीग मैच घर पर खेल सके। लेकिन यह आईसीसी स्वीकार नहीं कर सकती, क्योंकि भारत-पाकिस्तान का खेल विश्व क्रिकेट में सबसे बड़ी कमाई करने वाला है और यहां तक कि प्रसारकों को भी इस विचार का विरोध करने की उम्मीद है।