मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय समिति ने गुरुवार को विभिन्न राज्यों के लिए कई आपदा शमन और क्षमता निर्माण परियोजनाओं को मंजूरी दी, जिसमें बाढ़ से निपटना और ग्लेशियर झीलों के फटने से होने वाली बाढ़ को रोकना शामिल है। समिति ने राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष (एनडीएमएफ) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) से वित्त पोषण के लिए नौ प्रस्तावों को मंजूरी दी।
स्वीकृत योजनाओं में बाढ़ प्रबंधन के लिए 2514.36 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली तेलंगाना, गुजरात, कर्नाटक, बंगाल और महाराष्ट्र की छह परियोजनाएं शामिल हैं। आधिकारिक बयान के अनुसार, जिन छह शहरों में यह धनराशि खर्च की जाएगी, उनमें मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद और पुणे शामिल हैं।
एनडीआरएफ को आवंटित किए 5000 करोड़ रुपये
समिति ने सभी 28 राज्यों में युवा आपदा मित्र योजना को लागू करने के प्रस्ताव पर भी विचार किया। राज्यों में अग्निशमन सेवाओं के विस्तार और आधुनिकीकरण की योजना के तहत समिति ने असम, कर्नाटक और तमिलनाडु के लिए 810.64 करोड़ रुपये की तीन परियोजनाओं को भी मंजूरी प्रदान की। देश में आपदा जोखिम न्यूनीकरण प्रणाली को मजबूत करके आपदाओं के दौरान जान-माल को होने वाले बड़े नुकसान को रोकने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं।
केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए एनडीआरएफ के तहत कुल 5,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं और 1691.43 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय पर 11 राज्यों के प्रस्तावों को पहले ही मंजूरी दे दी है। इसके अलावा समिति ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश राज्यों के लिए 150 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय पर ग्लेशियल झील विस्फोट बाढ़ जोखिम शमन के लिए एक परियोजना प्रस्ताव को भी मंजूरी दी।
युवा आपदा मित्र योजना को मंजूरी
उच्चस्तरीय समिति ने 470.50 करोड़ रुपये की लागत से युवा आपदा मित्र योजना को भी मंजूरी दी। इसके तहत देश के 315 सबसे अधिक आपदा-संभावित जिलों में मास्टर ट्रेनर के रूप में 1300 प्रशिक्षित आपदा मित्र वॉलंटियर्स तैयार किए जाएंगे। इसके अलावा 2.37 लाख वालंटियर्स को प्रशिक्षित किया जाएगा।