नीट पेपर लीक मामले में रांची के RIMS से गिरफ्तार MBBS की छात्रा ने अब बड़ा खुलासा किया है. उसने बताया कि प्रश्न पत्र साल्व करने के लिए 10 लाख रुपये का ऑफर दिया गया था. उसके मुताबिक, ऑफर ठुकराने पर उसे पेपर सॉल्व करवाने के लिए बंदूक की नोक पर रख धमकाया गया था. हालांकि, सीबीआई इसे बहाना मान रही है. आरोपी छात्रा ने सीबीआई पूछताछ में बताया कि उसे आंसर सॉल्वर गैंग मई में कोडरमा लेकर जाया गया, जहां कुछ दिनों तक उसे आलीशान होटल में ठहराया गया. वहां उसे काफी घुमाया-फिराया गया और लजीज व्यंजन परोसे गए. नीट परीक्षा से ठीक पहले उसे हजारीबाग लाया गया. जहां से उसके आंखों में पट्टी बांध दी गई.
आरोपी छात्रा के मुताबिक, उसे ऐसे घर में फर्स्ट फ्लोर में रखा गया था, क्योंकि उसे सीढ़ियों से नीचे एक कमरे में लाया जाता था. नीचे वाले फ्लोर में 10 कमरे थे, जहां उसके जैसे ही लोग रहते थे. उसने बताया कि सॉल्वर गैंग के द्वारा सभी छात्र-छात्राओं को पेपर साल्व करने के लिए दिए गए थे. सभी अपने हिसाब से सॉल्व करते रहे और इसके बाद उस सॉल्व पेपर को परीक्षा में बैठने वाले छात्र-छात्राओं के बीच बांटा गया. इन स्टूडेंट्स की लिस्ट सॉल्वर गैंग के पास पहले से थी.
बता दें कि रिम्स छात्रा सुरभि कुमारी ने पिछले वर्ष नीट की परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक में 56वीं रैंक हासिल की थी. जिसके बाद उसका नामांकन रिम्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में हुआ. टीचरों के मुताबिक, वह मेधावी छात्रा है और क्लास में हमेशा एक्टिव रहती थी. शिक्षकों ने बताया कि उसने एकेडमिक के कई मामलों में उसने बेहतर प्रदर्शन किया है. रिम्स की छात्रा को हिरासत में लेने से पहले सीबीआई ने पटना के एम्स के 4 स्टूडेंट्स को गिरफ्तार किया था, जिनमें से 3 स्टूडेंट्स थर्ड ईयर और एक स्टूडेंट सेकेंड ईयर का है, जिनकी पहचान चंदन कुमार(थर्ड ईयर) राहुल कुमार (सेकेंड ईयर) करण जैन (थर्ड ईयर ), कुमार शानू (थर्ड ईयर) के तौर पर की गई है.