नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के स्कूलों में एक बड़े खेल का मामला उजागर हुआ है।जांच में सामने आया कि अधिकारियों करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति से ब्याज कमाया है। अब इस मामले में कड़ा एक्शन लिया गया है।
ये है मामला
दिल्ली में निगम स्कूलों में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति और जनजाति के विद्यार्थियों को मिलने वाली राशि के दुरुपयोग पर निगमायुक्त अश्विनी कुमार ने सख्त कार्रवाई है। इसमें निगम के शिक्षा विभाग के अधिकारियों को जबरन रिटायर किया गया है तो कुछ कर्मचारियों का डिमोशन किया गया है।
मामला पूर्वकालिक दक्षिण दिल्ली नगर निगम के मध्य जोन का है, जहां पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मिलीभगत करके अनुसूचित जाति और जनजाति के साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को मिलने वाली राशि का दुरुपयोग किया।
निगम की ऑडिट रिपोर्ट में यहां मामला उजागर हुआ था, जहां जोन में शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने छात्रों को दी जाने वाली राशि को अपने या अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर खाते खुलवाकर ट्रांसफर किया और फिर उस राशि से आने वाली ब्याज से मुनाफा कमाया। इस मामले की जांच चल रही थी।
जांच के बाद निगम आयुक्त अश्वनी कुमार ने निगम के शिक्षा विभाग में कार्यरत सहायक निरीक्षक प्रमोद व मंसाब जोशी को बर्खास्त किया गया है।
वहीं, उप निदेशक मंजू खत्री, कमलजीत को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है। साथ ही इनका तीन स्केल का डिमोशन किया गया। जबकि सेवा निवृत्त हो चुके उपनिदेशक ऋषिपाल राणा व पुष्पा के सेवा निवृत्ति के मिलने वाले लाभ को देने पर रोक लगा दी है।
इनके भी तीन पे स्केल का डिमोशन किया गया है। इन कर्मियों से फंड के दुरुपयोग की राशि को वसूलने का मामला लंबित है।
सूत्रों के मुताबिक, करीब 15 करोड़ रुपये की राशि को इन अधिकारियों या तो अपने खाते में स्थानांतरित किया या फिर अपनी परिवार के सदस्यों के नाम पर खाते खोलकर उस राशि को स्थानांतरित किया।
15 करोड़ की राशि से कमाया ब्याज
15 करोड़ की राशि को अलग-अलग राशि को स्थानांतरित किया और उस मोटी राशि से मिलने वाली ब्याज से मुनाफा कमाया। बच्चों को राशि तो दे दी गई लेकिन दो से चार माह तक राशि को अपने खातों में रखकर ब्याज से मुनाफा कमाया।