कनाडा का बड़ा आरोप: भारत पर साइबर जासूसी का आरोप, सेना की वेबसाइट पर हमले की भी बात कही…

कनाडा की जासूसी एजेंसी ने भारत को बड़ी चेतावनी दी है।

इस एजेंसी का कहना है कि भारत विदेश में खालिस्तानियों को ट्रैक करने के लिए साइबर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहा है।

यह चेतावनी के उस आरोप के एक दिन बाद आई है, जिसमें एक शीर्ष भारतीय अधिकारी को वैंकूवर में एक सिख की हत्या सहित हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया गया।

कनाडा की कम्यूनिकेशन सिक्योरिटी एस्टैब्लिशमेंट (सीएसई) ने एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत विदेशों में रहने वाले खालिस्तानियों का पता लगाने और उनकी निगरानी करने के लिए साइबर क्षमताओं का उपयोग कर रहा है।

इसके अलावा कनाडाई सरकारी नेटवर्क पर भी साइबर अटैक की बात कही गई है।

सीएसई चीफ कैरोलीन जेवियर ने एक समाचार सम्मेलन के दौरान कहाकि यह स्पष्ट है कि हम भारत को एक उभरते साइबर खतरे के रूप में देख रहे हैं।

रिपोर्ट में, उनकी एजेंसी ने कनाडा और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों में दरार को इस गतिविधि के लिए जिम्मेदार ठहराया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कनाडा के आरोपों के बाद एक भारत समर्थक हैक्टिविस्ट समूह ने डीडीओएस हमलों को अंजाम दिया।

इसके जरिए ऑनलाइन ट्रैफिक को काफी ज्यादा बढ़ा दिया गया, जिससे यूजर्स के लिए इसे इस्तेमाल करना मुश्किल हो गया। इसमें सेना की सार्वजनिक वेबसाइट सहित कनाडा की कई वेबसाइटों को निशाना बनाया गया।

मंगलवार को, अधिकारियों ने खुलासा किया कि ओट्टावा ने एक बड़े अभियान के पता लगाया है। इसके तहत मोदी सरकार कनाडाई खालिस्तानियों को निशाना बना रही है।

हाउस ऑफ कॉमन्स की जन सुरक्षा एवं राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के समक्ष बयान देते हुए उप विदेश मंत्री डेविड मॉरिसन ने वाशिंगटन पोस्ट की एक खबर की पुष्टि की।

इस खबर के मुताबिक भारतीय गृह मंत्री अमित शाह को कनाडाई सिखों को डराने-धमकाने और यहां तक कि उनकी हत्या की साजिश में शामिल बताया गया है। पोस्ट ने एक अनाम वरिष्ठ कनाडाई अधिकारी के हवाले से कहा कि शाह ने एक खुफिया जानकारी जुटाने और हमलों के अभियान को अधिकृत किया, जिसमें 2023 में निज्जर की हत्या भी शामिल है।

कनाडाई उप विदेश मंत्री मॉरिसन ने कहाकि उनसे जानकारी ली गई थी। उन्होंने कमेटी को बताया कि पत्रकार ने मुझे फोन किया और मुझसे पूछा कि क्या यह वह व्यक्ति था।

मैंने इस बात की पुष्टि की। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और राष्ट्रीय पुलिस ने कहा है कि हत्या में भारत की संलिप्तता के स्पष्ट संकेत हैं। साथ ही खालिस्तानी कार्यकर्ताओं के खिलाफ धमकी, हिंसा और अन्य खतरों का व्यापक अभियान भी चल रहा है।

भारत ने इन आरोपों को खारिज किया है। दिल्ली और ओट्टावा ने इस महीने की शुरुआत में एक-दूसरे के राजदूत और अन्य वरिष्ठ राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था। हत्या के सिलसिले में चार भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है।

गौरतलब है कि भारत के बाहर कनाडा सिख समुदाय के लिए सबसे बड़ा घर है। यहां पर बड़ी संख्या में खालिस्तानी भी रहते हैं जो स्वतंत्र सिख स्टेट की मांग कर रहे हैं।

कनाडा पहले ही हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगा चुका है। निज्जर की हत्या साल 2023 में वैंकूवर में हुई थी। खालिस्तानी आंदोलन में वह एक बड़ा नाम था।

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