नीदरलैंड की राजधानी में मंगलवार को फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन एक बार फिर से तेज हो गया।
इससे एक दिन पहले ही फिलिस्तीन समर्थकों पर बुलडोजर ऐक्शन देखने को मिला था। दंगा रोधी पुलिस ने एम्स्टर्डम यूनिवर्सिटी में एक शिविर को हिंसक तरीके से तोड़ डाला था।
इससे भड़के सैकड़ों लोगों ने आज गाजा युद्ध विरोधी नारे लगाए। उन्होंने एम्सटर्डम शहर की सड़कों को जाम कर दिया। इस दौरान इजरायल के सैन्य अभियानों की जमकर निंदा की गई।
यूनिवर्सिटी कैंपस के आसपास बड़ी संख्या में आज प्रदर्शनकारियों जुटे थे। उन्होंने नारे लगाए, ‘फ्री-फ्री फिलिस्तीन!’ उन्होंने ‘एकजुट लोग नहीं हारेंगे’ के भी नारे लगाए।
रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने मंगलवार की सुबह बैरिकेड्स को हटाने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया। इस दौरान हिंसक झड़पें हुईं और 140 लोगों को हिरासत में ले लिया गया।
इस विरोध प्रदर्शन के वीडियो क्लिप्स सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। पुलिस ने जिस तरह से बुलडोजर का इस्तेमाल किया, उससे टीचर्स और यूनिवर्सिटी के कर्मचारी काफी भड़के हुए थे।
इन लोगों ने आज दोपहर को एक और विरोध प्रदर्शन निकालने की अपील की।
डच स्कॉलर्स फॉर फिलिस्तीन नाम के समूह ने अपने बयान में कहा, ‘छात्रों और कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें जबरन हटाने के लिए मिर्च स्प्रे, पुलिस के डंडों, पुलिस कुत्तों और बुलडोजर के इस्तेमाल किया गय। इस दौरान काफी हिंसा हुई और कई लोग घायल हो गए।’
गाजा युद्ध समाप्ति समझौते की कोशिश में जुटे मिस्र-कतर
इस बीच, फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने गाजा पट्टी में युद्ध समाप्ति समझौते में मध्यस्थता के लिए मिस्र और कतर के प्रयासों का स्वागत किया है।
अब्बास ने युद्धविराम और गाजा पट्टी से पूर्ण वापसी के लिए इजरायल की प्रतिबद्धता के लिए आशा व्यक्त की।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि वह इजरायल पर युद्ध समाप्त करने और फिलीस्तीनी क्षेत्रों के कुछ हिस्सों को अपने कब्जे से मुक्त करने पर जोर दें।
इससे पहले, हमास ने घोषणा की कि उसने मिस्र और कतर में मध्यस्थों को गाजा पट्टी के लिए युद्धविराम प्रस्ताव को मंजूरी देने के बारे में जानकारी दे दी है।
हमास के राजनीतिक ब्यूरो प्रमुख इस्माइल हानियेह ने कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी और मिस्र के खुफिया प्रमुख अब्बास कामेल को निजी फोन करके इस प्रस्ताव के बारे में जानकारी दी।