राज्य विधानसभा में बिना चर्चा के 3.65 लाख करोड़ का बजट मंजूर कर लिया गया। एक बार फिर एक साथ सभी विभागों की अनुदान मांगों पर चर्चा करना बहुमत के आधार पर स्वीकार किया गया। बीते साल यानी 2023—24 में भी इसी तरह एक साथ चर्चा का प्रस्ताव रखा गया था और विपक्ष के विरोध के बीच बिना चर्चा के 3 लाख 14 हजार 24 करोड़ का बजट पारित हो गया था। इस बार भी कुछ यही स्थिति देखने को मिली। सदन में विपक्ष लगातार नर्सिंग घोटाले सहित अन्य मुद्दों पर अक्रामक रवैया अपनाए हुए है। सत्ता पक्ष का कहना है कि विपक्ष के लगातार हंगामें और चर्चा नहीं होने देने के कारण ये स्थिति बनी है। सत्र की आज की कार्यसूची में 57 विभागों की बजट अनुदान मांगों पर चर्चा कराना शामिल किया गया था। इसके लिए 18 घंटे का समय तय हुआ था। यानी तय समय में भी चर्चा पूरी कराई जाती तो रातभर विधानसभा की कार्यवाही जारी रहना चाहिए थी..इसकी संभावना क्षीण थी।