मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने कोका-कोला कंपनी में मिलावटी पेय पदार्थों की बिक्री को लेकर फैसला सुनाया है। महाराष्ट्र के जालना जिले में एक मजिस्ट्रेट की अदालत की तरफ से हिंदुस्तान कोका-कोला बेवरेजेज प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ शुरू की गई कार्यवाही को रद करने से इनकार कर दिया गया है।
फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) की तरफ से मीठे कार्बोनेटेड पेय 'कनाडा ड्राई' की बोतलों के अंदर रेशेदार पदार्थ और मकड़ी के जाले पाए जाने के बाद कंपनी ने महाराष्ट्र के जालना जिले में एक मजिस्ट्रेट की अदालत की तरफ से शुरू किए गए मामले को खारिज करने की मांग की थी।
2001 में, हिंदुस्तान कोका-कोला के प्रोडक्ट कनाडा ड्राई' की जांच के दौरान, एफडीए ने सीलबंद बोतलों में दूषित पदार्थों की खोज की। 12 दिसंबर 2001 की समाप्ति तिथि वाली 321 बोतलों का स्टॉक 27 जुलाई 2001 को जब्त कर लिया गया था। जांच के बाद, कंपनी के खिलाफ कथित तौर पर निवारण अधिनियम का उल्लंघन करने के लिए शिकायत दर्ज की गई थी।
ये कंपनी वैश्विक कोका-कोला पेय व्यवसाय का हिस्सा है। कंपनी ने शिकायत दर्ज करने में देरी होने का तर्क देते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट में शिकायत को चुनौती दी। 2010 में, मजिस्ट्रेट अदालत ने कंपनी को एक नोटिस जारी किया, जिससे उसकी कानूनी कार्रवाई शुरू हो गई।
11 दिसंबर को, बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद पीठ के न्यायमूर्ति वाई जी खोबरागड़े ने फैसला सुनाया कि पेय निर्माता ने कार्यवाही को रद करने के लिए पर्याप्त आधार प्रस्तुत नहीं किया था। अदालत के फैसले ने 14 साल से अधिक की देरी के बाद मामले को आगे बढ़ने की अनुमति दी।
आदेश पारित होने के बाद, हिंदुस्तान कोका-कोला ने आपराधिक कार्यवाही पर अंतरिम रोक को आठ हफ्ते के लिए बढ़ाने का अनुरोध किया। हालांकि, पीठ ने इससे इनकार कर दिया और आपराधिक कार्यवाही जारी रखने की अनुमति दे दी।