झारखंड चुनाव में BJP का परिवारवाद का दांव: कुछ जगहों पर मिली जीत, कुछ जगहों पर मिली हार

झारखंड विधानसभा चुनाव में BJP ने कई सीटों पर परिवारवाद के नाम पर दांव खेला। कहीं तो यह दांव चला और जीत मिली, तो कहीं जनता ने इसे नकार दिया। दरअसल, BJP ने इस बार चुनाव में कई दिग्गज नेताओं के बेटे-बेटियों और पत्नियों को चुनावी मैदान में उतारा था। कहीं तो यह रणनीति कामयाब रही और BJP को जीत मिली, तो कहीं जनता ने परिवारवाद को नकारते हुए दूसरे दलों के प्रत्याशियों को जिताया।

मीरा मुंडा, गीता कोड़ा और सीता मुर्मु को मिली हार
मीरा मुंडा ( पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी ) को पोटका विधानसभा सीट से BJP ने टिकट दिया था। लेकिन उन्हें JMM के संजीव सरदार से हार का सामना करना पड़ा। इसी तरह जगन्नाथपुर सीट से पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा को भी हार मिली। उन्हें कांग्रेस के सोना राम सिंकू ने हराया। वहीं, जामताड़ा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन की बहु सीता मुर्मु भी BJP के टिकट पर चुनाव लड़ी थीं, लेकिन उन्हें कांग्रेस के इरफान अंसारी ने हरा दिया। घाटशिला सीट से पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन को भी JMS के रामदास सोरेन से हार का सामना करना पड़ा।

सिंदरी, गोड्डा और सिसई सीटों पर बीजेपी परिवारवाद की रणनीति नाकाम
सिंदरी सीट से BJP नेता और विधायक इंद्रजीत महतो की पत्नी तारा देवी को भी हार मिली। उन्हें CPI माले के चंद्रदेव महतो ने हराया। गोड्डा सीट से BJP नेता सुमित मंडल, जिनके पिता और दादा भी विधायक रह चुके हैं, उन्हें भी इस बार हार का सामना करना पड़ा। उन्हें कांग्रेस के संजय यादव ने हराया। वहीं, सिसई सीट से BJP नेता डॉ अरुण उरांव को हार का सामना करना पड़ा। उन्हें JMM के जीगा सुसारन ने हराया। डॉक उरांव के पिता बंदी उरांव और सास गीता श्री उरांव भी विधायक रह चुके हैं।

कुछ सीटों पर जीत, कुछ पर हार
हालांकि, BJP के लिए परिवारवाद का दांव हर जगह विफल नहीं रहा। कुछ सीटों पर उन्हें जीत भी मिली। जमशेदपुर पूर्वी सीट से पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास की पुत्रवधू पूर्णिमा दास ने जीत हासिल की। उन्होंने कांग्रेस के अजय कुमार को हराया। झरिया सीट से BJP नेता और विधायक रहे संजीव सिंह की पत्नी रागनी सिंह ने भी जीत हासिल की। उन्होंने कांग्रेस के पूर्णिमा नीरज सिंह को हराया। बता दें कि झरिया सीट पर संजीव सिंह के परिवार का लंबे समय से दबदबा रहा है। बाघमारा सीट से सांसद ढुल्लू महतो के भाई शत्रुघ्न महतो ने भी जीत हासिल की। उन्होंने कांग्रेस के जलेश्वर महतो को हराया। बड़का गांव सीट से गिरिडीह के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी के भाई रौशन लाल चौधरी ने भी जीत हासिल की। उन्होंने कांग्रेस के अंबा प्रसाद को हराया। कुल मिलाकर कहा जाए तो झारखंड विधानसभा चुनाव में BJP के लिए परिवारवाद का दांव मिलाजुला रहा। कुछ सीटों पर उन्हें जीत मिली, तो कुछ सीटों पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

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