भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने विधानसभाध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो को पद से हटाने को लेकर झारखंड विधानसभा के प्रभारी सचिव को नोटिस भेजा है।
विधायकों ने सचिव को पत्र लिखकर विधानसभाध्यक्ष को हटाने की मांग विधानसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियम 158 (1) के तहत की है। पत्र में भाजपा विधायकों ने कहा है कि विधानसभाध्यक्ष ने अपने पद का विवेकपूर्ण उपयोग नहीं करते हुए भाजपा के 18 विधायकों को हेमंत सरकार के इशारे पर निलंबित कर दिया।
भाजपा विधायकों ने लगाए आरोप
भाजपा विधायकों का आरोप है कि बुधवार को सदन शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने युवाओं और संविदा कर्मियों के विषय पर चर्चा करवाने और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जवाब दिलवाने का आग्रह किया था। बावजूद इसके, बिना मुख्यमंत्री का जवाब सुने, विधायकों को निलंबित कर दिया गया।
भाजपा ने कहा है कि विधानसभाध्यक्ष ने अपने पद का निष्पक्ष रूप से उपयोग नहीं किया और मुख्यमंत्री के हित की रक्षा करते हुए झामुमो के विधायक सुदिव्य कुमार द्वारा लाए गए निलंबन प्रस्ताव पर भाजपा विधायकों को निलंबित किया।
आमतौर पर इस प्रकार का प्रस्ताव संसदीय कार्य मंत्री द्वारा सदन में लाया जाता है, और उसके पूर्व कार्य मंत्रणा समिति की बैठक होती है, जो इस मामले में नहीं हुआ।
झामुमो और कांग्रेस के विधायकों को उकसाया
भाजपा ने यह भी आरोप लगाया है कि विधानसभाध्यक्ष ने केंद्र सरकार की आलोचना की और गोड्डा के सांसद के व्यक्तिगत बयान की भी सदन में चर्चा कर झामुमो और कांग्रेस के विधायकों को उकसाया।
अध्यक्ष ने कही ये बात
वहीं, अध्यक्ष ने भाजपा विधायकों पर झूठा आरोप लगाया कि उन्होंने महिला और पुरुष मार्शलों के साथ दुर्व्यवहार किया है, जिसपर भाजपा विधायकों ने मानहानि का मुकदमा दायर करने की धमकी दी है। पत्र में लिखा है कि भाजपा ने निष्कर्ष निकाला है कि विधानसभाध्यक्ष अपने संवैधानिक दायित्वों को निभाने में असफल रहे हैं और उन्हें उनके पद से हटाया जाना चाहिए।