चंडीगढ़। लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को यूपी, राजस्थान, हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में जो झटका लगा इसके पीछे की वजह प्रत्याशियों का चयन माना जा रहा है। पार्टी की आंतरिक रिपोर्ट में कहा गया था कि बीजेपी ने कई ऐसे चेहरों को रिपीट किया जिनसे जनता नाराज थी। इसका खामियाजा पार्टी को हार का सामने करके चुकाना पड़ा। अब बीजेपी प्रत्याशियों के चयन में नया प्रयोग कर रही है और सीधे स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं को इस प्रक्रिया में शामिल कर रही है।
बीजेपी ने हरियाणा में जिला स्तर पर सर्वे कराया है। जिला मुख्यालयों में मतदान कराया गया, जिनमें स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं से अपनी पसंद के तीन नाम देने को कहा है। इसके लिए पार्टी ने राज्य इकाई, जिला, मंडल और तमाम मोर्चों के नेताओं को बुलाया था। इसके अलावा पूर्व विधायक, सांसद और स्थानीय निकायों में प्रतिनिधियों ने भी इसमें वोट दिया। इन नेताओं से पूछा था कि वह बताएं कि अपने विधानसभा क्षेत्र में आप किन तीन नेताओं को टिकट का दावेदार मानते हैं। इनको एक स्लिप दी गई जिनमें तीन नाम भरने थे। इन स्लिपों में तीनों नाम भरने के बाद उसे बॉक्स में डाल दिया गया।
बीजेपी नेता बताया कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि कार्यकर्ताओं को भरोसे में लिया जा सके। वे खुद को पार्टी की रणनीति में शामिल मानें और चुनाव में मेहनत करें। यह प्रक्रिया सभी जिलों में अपनाई गई है। पार्टी ने जिला मुख्यालयों पर मतदान कराया और इलाके की सभी सीटों को लेकर यह एक तरह का आंतरिक सर्वे था। इस दौरान चुनाव प्रभारियों की भी मौजूदगी रही। बीजेपी नेताओं का कहना है कि हरियाणा की सभी 90 सीटों पर कार्यकर्ताओं की राय ली गई है। बीजेपी अकेले ही सभी सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है और उसका जजपा से गठबंधन टूट चुका है। पिछली बार भी यह गठबंधन चुनाव के बाद ही बना था क्योंकि पहले बीजेपी अकेले ही चुनाव लड़ी थी, लेकिन पूर्ण बहुमत न मिलने पर गठबंधन सरकार बनाई थी। इस सर्वे के आधार पर ही चुनावी रणनीति तय होगी। इस सर्वे की वजह यह भी है कि यह भी जान सकें कि लोगों को कौन सा नेता पसंद हैं और किनसे वे नाराज हैं। दरअसल पार्टी में टिकट के दावेदारों की भी लंबी सूची है। ऐसे में उनकी स्क्रीनिंग के लिए यह एक तरीका पार्टी ने निकाला है।