भोपाल गैस कांड: जहरीले कचरे के निष्पादन पर सीएम मोहन यादव ने आपात बैठक बुलाई, कहा……

भोपाल गैस कांड के जहरीले कचरे के निष्पादन को लेकर जारी सियासी घमासान के बीच सीएम मोहन यादव ने देर रात बुलाई आपातकालीन उच्च स्तरीय बैठक,, बैठक में दोनों उपमुख्यमंत्री के अलावा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, धार के प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, लीगल डिपार्टमेंट के अधिकारी, विधि विशेषज्ञ, सीएस एवं अन्य अधिकारी रहे मौजूद,, बैठक में कचरे के निष्पादन में कोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए आगामी कार्यवाही पर मंथन हुआ,, मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि राज्य सरकार जनता के साथ दृढ़ता से खड़ी है। जनता का किसी भी प्रकार अहित हो, यह हम बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे। माननीय न्यायालय के सामने विषय लाएंगे और न्यायालय के आदेश के परिपालन में ही किसी कार्यवाही पर आगे बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नागरिकों से अपील की है कि झूठी अफवाहों पर विश्वास न करें। हम सब जनता के साथ हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारी सरकार जनकल्याणकारी, जनहितैषी तथा जनभावनाओं का आदर करती है। जनता से अपील है कि किसी भ्रम में न आएं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार जनता के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने वाली सरकार है। इस नाते सदैव जनता के हित को लेकर हम आगे बढ़े हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश और हाईकोर्ट के आदेश के परिपालन में यूनियन कार्बाइड का कचरा माननीय न्यायालय के निर्देश पर पीथमपुर पहुंचाने का परिपालन किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमने न्यायालय की याचिकाओं और आदेशों के तारतम्य में सुरक्षा मापदंडों का परिपालन करते हुए केवल परिवहन किया है। माननीय न्यायालय ने इस कार्य के लिए डेडलाइन दी थी कि 4 जनवरी के पहले-पहले कचरा निर्धारित स्थान पर पहुंचना चाहिए। न्यायालय को 6 जनवरी तक इसकी रिपोर्ट अपेक्षित थी। इसी परिप्रेक्ष्य में आदेश के परिपालन में यह निर्दिष्ट स्थान पर, जो उनके द्वारा बताया गया था, परिवहन आदेश न्यायालयों द्वारा दिया गया था।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उनके ध्यान में यह बात आयी कि जनभावनाओं के लिए ऐसी परिस्थितियों में जनता तक यह विषय पहुंचना चाहिए। सुरक्षा के मापदंडों पर किसी प्रकार से कोई खतरा या कोई डर का भाव जनता के बीच आया तो राज्य सरकार यह प्रयास करेगी कि माननीय न्यायालय के समक्ष यह विषय प्रस्तुत हो। इसके बाद ही आगामी किसी प्रकार की कार्यवाही की जाए। माननीय न्यायालय जैसा आदेश देगा, हम उसका पालन करने के लिए तत्पर रहेंगे। तब तक आगे नहीं बढ़ेंगे, जब तक न्यायालय कोई निर्देश जारी नहीं करता।
 

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