भोपाल : विश्व हेपेटाईटिस दिवस के अवसर पर लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल सरदार पटेल स्मारक भवन, भोपाल में हेपेटाईटिस जागरूकता एवं जांच शिविर कार्यक्रम में शामिल हुए। राज्य मंत्री पटेल ने कहा कि हेपेटाईटिस से बचाव इसका सबसे बेहतर ईलाज है। हेपेटाईटिस बी से बचाव के लिये शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में टीकाकरण निःशुल्क किया जाता है। शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में हेपेटाईटिस की जांच एवं उपचार निःशुल्क उपलब्ध करवाया जा रहा है। हेपेटाईटिस बी संक्रमित मां से, गर्भस्थ शिशु में संक्रमण पहुंचने की संभावना भी होती है। इसीलिए गर्भवती महिलाओं में हेपेटाईटिस बी की जांच अनिवार्य रूप से की जा रही है,मां के संक्रमित होने पर बच्चे को एच. बी. इम्युनोग्लोबिन लगाई जाती है। स्वास्थ्य संस्थाओं में ट्रिपल टेस्टिंग शुरू की गई है,जिसमें एच.आई.वी., हेपेटाईटिस बी और सिफलिस संक्रमण की जांच की जाती है । उन्होंने कहा कि लोगों को अपने स्वास्थ्य के लिए जागरूक होना जरूरी है। टीकाकरण और बीमारी के लक्षणों को पहचान कर और जल्द से जल्द उपचार लेकर हम कई गंभीर स्थितियों से बच सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि यह दिवस हेपेटाईटिस बी वायरस की खोज करने वाले डा. बरूच ब्लुमबर्ग की जन्मतिथि पर मनाया जाता है। इस वर्ष यह दिवस "इट्स टाइम फॉर एक्शन" की थीम पर मनाया जा रहा है। हेपेटाईटिस एक वायरल संक्रमण है, जो लीवर को संक्रमित करता है।हेपेटाईटिस ए और ई का संक्रमण दूषित खाने और पानी की वजह से फैलता है। हाथों की स्वच्छता एवं साफ भोजन और पानी के इस्तेमाल से इसका प्रसार रोका जा सकता है। हेपेटाईटिस सी का प्रसार संक्रमित रक्त से होता है। हेपेटाईटिस बी के मरीज़ों में वर्षों तक कोई लक्षण प्रगट नहीं होते हैं। इसलिए समय-समय पर चिकित्सकीय परामर्श अनुसार जांच करवाना बेहद आवश्यक है। हेपेटाईटिस बी होने पर शरीर में दर्द, पीलिया, पेट में पानी भर जाना, लीवर में दर्द होना, खून की उल्टियां होना, भूख ना लगना, पेट में सूजन आना जैसे लक्षण हो सकते हैं। क्रॉनिक हेपेटाईटिस की स्थिति में लीवर सिरोसिस और लीवर कैंसर जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
केन्द्र सरकार ने 2018 में राष्ट्रीय वायरल हेपेटाईटिस कण्ट्रोल कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। जिसका उददेश्य 2030 तक हेपेटाईटिस सी का उन्मूलन करना है। कार्यक्रम में विधायक भगवानदास सबनानी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी प्रभाकर तिवारी, गेस्ट्रोएण्ट्रोलॉजिस्ट डॉ. सी सी चौबल, गेस्ट्रोसर्जन डॉ. अजीत सेवकानी पैथालॉजी एसोसिएशन की ओर से डॉ रमेश माधव, डॉ सुरेश कुमार, डॉ अपूर्व त्रिपाठी, डॉ पहलजानी सहित अन्य चिकित्सकगण, स्थानीय रहवासी समिति एवं छात्र छात्राओं ने भाग लिया।